मासूम बच्ची बनी थी मां : यमुनानगर में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने उसके सौतेले पिता व जीजा को दोषी मानते हुए 20-20 साल की कैद व बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। पुलिस ने दिसंबर 2023 में मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था।
पुल के पास रोता मिला था पीड़िता का बच्चा
जानकारी के मुताबिक 31 दिसंबर 2023 को पुलिस को रणजीतपुर नदी पुल के पास से रोता बिलखता एक नवजात बच्चा मिला था। बच्चे के होने की सूचना देने वाला ही नवजात को लेकर अस्पताल पहुंचा था। पुलिस ने नवजात बच्चे के बारे में जांच शुरू की तो अचानक दो जनवरी 2024 को एक 12 वर्षीय नाबालिग लड़की ने थाने में पहुंचकर खुद के साथ दुष्कर्म होने की बात कही थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि उसका सौतेला पिता छोटा उर्फ अख्तर व उसका जीजा शमीम महीनों से उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। इसी वजह से वह गर्भवती हो गई थी। नाबालिग ने बताया था कि तीन दिन पहले ही उसने बच्चे को भी जन्म दिया है जो कहीं खो गया है।
डीएनए टेस्ट से हुआ था बच्ची के मां होने का खुलासा
पुलिस ने तुरंत ही दुष्कर्म पीड़िता व उक्त नवजात का डीएनए टेस्ट कराया जो आपस में मैच आ गया। इसके बाद पुलिस ने उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर थी। मामला ट्रैक कोर्ट में चला। जिसमें अदालत ने दोनों आरोपियों छोटा उर्फ अख्तर व उसके जीजा शमीम को दोषी मानते हुए दोनों को 20-20 साल की कैद व 20 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई।