Cyber Crime Bhopal: साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने फर्जी मेट्रोमोनियल वेबसाइट को मैनेज कर ठगी करने वाले मैनेजर को गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में पता चला कि उसने फर्जी वेबसाइट के माध्यम से करीब 500 लोगों को ठगा है। वह अपने कॉल सेंटर में काम करने वाली टेलीकॉलर गर्ल्स से शादी का रिश्ता तय कराकर शादी की शॉपिंग, शादी के दस्तावेज, वकील की फीस, होटल का किराया, मंगल सूत्र खरीदने, शगुन, पुरोहित की फीस के नाम पर पैसे वसूल लेता था। बाद में शादी कैंसिल कर देता था।
सब तय हो जाने के बाद शादी से मुकर जाती थी युवती
गिरफ्तार आरोपी की पहचान बिलासपुर, निवासी 24 वर्षीय हरीश भारद्वाज के रूप में हुई है। वर्तमान में वाराणसी में रह रहा था। 12वीं तक पढ़ा है। उसने इंडियन रॉयल मैट्रिमनी, सर्च रिश्ते, ड्रीम पार्टनर इण्डिया, 7 फेरे मैट्रिमनी, संगम विवाह, माय शादी नाम से फर्जी वेबसाइट बना रखी थीं। एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि कस्तुरबा नगर निवासी आनंद कुमार दीक्षित (47) ने 4 मई को शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उन्हें फेसबुक पर संगम विवाह मेट्रोमनी का विज्ञापन देखा। जिस पर क्लिक करने पर उनको वाट्सऐप में चैट के जरिए लड़कियों के फोटोज भेजे गए। जिसमें से फोटो सिलेक्ट करने के बाद कॉल सेंटर की युवतियों से उनसे बात कराई गई। जिसके बाद युवती ने शादी के कागज तैयार करने, वकील की फीस, होटल का किराया, मंगल सूत्र खरीदने, शगुन, पंडित के नाम से करीब डेढ़ लाख रुपए वसूल लिए। यानि सब कुछ तय हो जाने के बाद में युवती शादी से मुकर गई।
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इंटरनेट से खूबसूरत लड़कियों के फोटो लेकर भेजे
आरोपी द्वारा अपने साथी फरार आरोपी के साथ मिलकर फर्जी तरीके से 6 मैट्रिमोनियल बेवसाइट बना रखी है। इन सभी के लिए वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देते हैं। विज्ञापन में इंटरनेट से किसी भी युवती की फोटो डाउनलोड कर उसका फर्जी बायोडाटा तैयार कर कस्टूमर वाट्सऐप पर भेज देते हैं। ग्राहक फोटो देखकर युवती सिलेक्ट करता है। जिसके बाद आरोपी के काल सेंटर में काम करने वाली किसी युवती का मोबाइल नंबर भेज देते हैं। ग्राहक उससे बात करने लगता है। युवतियां जल्द शादी करने के बहाने कर कस्टमर से गिफ्ट के रूप में पैसे वसूलती है। जब शादी की बारी आती तो वह रिश्ते से मुकर जाती हैं।
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युवतियों को देता था 8 से 10 हजार रुपए तक वेतन
टेलीकॉलर युवतियों को 8-10 हजार रुपए प्रति महीना दिया जाता है। इस प्रकार यह लोग कस्टमर के साथ छोटे-छोटे अमाउंट में रुपए लेते हैं। कम राशि का फ्रॉड करते है जिससे कि इनकी अधिकतर लोग रिपोर्ट नहीं करते। यदि कोई ज्यादा पीछे पड़ता है तो उसके खिलाफ पुलिस में कार्यवाही कराने की धमकी देते हैं। दीक्षित के साथ फ्रॉड होने के बाद राष्ट्रीय सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत की गई थी। जिसका ट्रेल में बैंक खाता बंद हो गया था, जिसको खुलवाने के लिए आरोपी हरीश भारद्वाज सायबर क्राइम पहुंचा। पुलिस ने पूछताछ शुरू की। उसने बताया कि 6 फर्जी मैट्रिमोनियल बेवसाइट के जरिए वह फ्रॉड करता है।