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Arif Aqeel passed away: अरिफ अकील भोपाल उत्तर सीट से 6 बार MLA रहे। 1990 में पहली बार वह विधायक निर्वाचित हुए थे। 2018 तक लगातार जीतते रहे। 2023 उनके बेटे अतिफ अकील ने जीत दर्ज की है। सोमवार 29 जुलाई को आरिफ अकील का निधन हो गया।

Arif Aqeel passed away: मध्यप्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता और भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से 6 बार MLA रहे अरिफ अकील का इंतकाल हो गया। सोमवार सुबह भोपाल की निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। बेटे आतिफ अकील ने बताया किसी सीने में दर्द के चलते अस्पताल में  भर्ती कराया था, लेकिन बचा नहीं सके। आरिफ अकील के निधन से कांग्रेस नेताओं में शोक की लहर है। उनके समर्थक घर पहुंच रहे हैं। 

28 साल रहे विधायक, हर बार मिली जीत 
अरिफ अकील 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 2018 तक वह लगातार भोपाल की उत्तर सीट से जीतते रहे। स्वास्थ्य कारणों के चलते 2023 का विधानसभा का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा, पार्टी ने आरिफ के बेटे अतिफ अकील को प्रत्याशी बनाया। उन्होंने भी जीत दर्ज कर पहली बार विधानसभा पहुंचे। 

भोपाल से दिल्ली तक थे आरिफ के चर्चे
आरिफ अकील जमीन से जुड़े नेता थे। जरूरतमंदों की मदद के लिए वह सदैव तत्पर रहते थे। यही कारण है कि उनकी सियासत के चर्चे भोपाल से लेकर दिल्ली तक रहे थे। एक तरफ लगातार जीत का  रिकार्ड तो दूसरी तरफ नजता से सीधा जुड़ाव उनकी खासियत रही है। 
पिछले कुछ दिन से आरिफ अकील बीमार थे, खराब स्वास्थ से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद सोमवार को 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।  

दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे
आरिफ अकील प्रदेश कांग्रेस सरकार में दो बार मंत्री रहे। कमलनाथ सरकार में वह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे। इसके पहले दिग्विजय सरकर में भी वह जेल खाद विभाग का मंत्रालय संभाल चुके हैं। 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जताया शोक 
पूर्व  मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरिफ अकील के निधन पर शोक जताया। आरिफ अकील को अपना पारिवारिक मित्र बताते हुए कहा, हमारा उनका संबंध 40 सालों का था। अल्लाह ताला से हम दुआ करते हैं उन्हें जन्नत अता फ़रमाएं। 

गंगा-जमुनी तहज़ीब के वाहक थे आरिफ अकील 
कांग्रेस के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने बताया कि पूर्व मंत्री आरिफ अकील गंगा-जमुनी तहज़ीब के प्रणेता थे। वह नेक इंसान और असली धर्मनिरपेक्ष नेता थे। शिवराज सरकार में गौ-वंश की रक्षा और गौ-हत्या रोकने संबंधी सामयिक प्रस्ताव पर आरिफ़ भाई के व्यक्त विचार आज भी मेरी स्मृतियों में हैं। उनका इस दुनिया से जाना हम सबके लिए दुखद है। 

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