Bageshwar Dham Mass wedding: छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम में 70 दलित दूल्हे घोड़ी पर बैठकर बारात निकालेंगे। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पवित्र मौके पर यहां 251 गरीब परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्मेलन होना है। इसमें 108 आदिवासी और 70 दलित परिवारों की बेटियां हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कार्यक्रम में शामिल होकर नवविवाहित जोड़ों का आशीर्वाद देंगी।
बागेश्वर धाम सेवा समिति के द्वारा हर साल यहां सामूहिक विवाह का कार्यक्रम किया जाता है। जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों की मदद और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इसके लिए बागेश्वर धाम से ओरछा तक पदयात्रा भी निकाली थी।
बागेश्वर धाम में ऐसी हैं तैयारियां
महाशिवरात्रि पर होने वाले विवाह समारोह के लिए बागेश्वर धाम में व्यापक तैयारियां की गई हैं। इसके लिए 3 लाख वर्गफीट में पंडाल और 15 एकड़ क्षेत्र में मंडप और भंडारे की व्यवस्था है। 50 हजार वर्ग फुट में स्थायी डोम और 30-30 हजार वर्ग फीट में दो अस्थायी डोम बनाए गए हैं।
9 राज्यों की 251 बेटियां
सामूहिक विवाह सम्मेलन में एमपी यूपी और छत्तीसगढ़ सहित 9 राज्यों की 251 कन्याओं का विवाह कराया जाना हैं। इनमें सर्वाधिक 209 कन्याएं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की 42 कन्याएं शामिल हैं। इन बेटियों में 108 आदिवासी, 70 दलित, 57 ओबीसी और 16 सामान्य वर्ग के परिवारों की हैं।
धीरेंद्र शास्त्री बोले-देश में सब बराबर हैं
दरअसल, दलित दूल्हों के घोड़ी पर सवार होने का यह कोई पहला मामला नहीं है, लेकिन बुंदेलखंड में जिस तरीके से कुछ खास वर्ग के लोग इसका विरोध करते रहे हैं, उस लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, देश में सभी लोग बराबर हैं। हर व्यक्ति को समान अधिकार मिले हैं। तो फिर दलित समाज से भेदभाव क्यों होना चाहिए।