(राहुल टेंभरे/ बालाघाट): बालाघाट के तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ता इन दिनों मौसम की मार झेल रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से 2 हजार कम मिल रही प्रति बोरी कीमत से राज्य की मोहन सरकार से नाराज भी है। संग्रहणकर्ताओं ने भाजपा सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। 

मौसम खराब के चलते संग्रहण कार्य प्रभावित
बता दें, इन दिनों बालाघाट का मौसम खराब है, जिसके चलते संग्रहण कार्य प्रभावित हो रहा है। अब तक जिले में लगभग 38 हजार से अधिक संग्राहक तेंदूपत्ता संग्रहण करने में जुटे हैं। जिले के उत्तर सामान्य व दक्षिण सामान्य डिविजन में कुल 58 समितियां बनाई गई हैं। जिनमें अब तक लगभग 75 से 80 प्रतिशत तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा ग्राम सभाओं के माध्यम से भी 18 समितियों में संग्रहण का काम जारी है। 

सरकार पर भेदभाव का आरोप 
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने चुनावी वादे को पूरा करते हुए इस साल 2024 के लिए तेंदूपत्ता संग्रह करने वालों से लगभग 6000 रुपए प्रति मानक बोरा की कीमत पर खरीद करने का फैसला किया है। पहले यह कीमत 4000 रुपये प्रति मानक बोरा थी। वहीं, एमपी में तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ता को 04 हजार रुपए मानक बोरा दाम दिया जा रहा है। इस लिए संग्राहको में नाराजगी है। संग्राहको ने भाजपा सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। 

73 प्रतिशत कार्य पूरा
दक्षिण सामान्य वनमंडल बालाघाट डीएफओ मीना मिश्रा के मुताबिक, 29 समितियों में संग्रहण का काम किया जा रहा है। अब तक लगभग 73 प्रतिशत कार्य हो चुका है। समय से पहले लक्ष्य संग्रहण कार्य पूरा होने की संभावना जताई है।  

पुलिस के जवान दे रहे पहरा
तेंदुपत्ता संग्रहण कार्य में अक्सर देखा जाता है कि नक्सलियों द्वारा तेन्दूपत्ता ठेकेदारों से अवैध वसूली की जाती है। वही समय रहते डिमांड पूरी ना होने की स्थिति में नक्सलियों द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्र पहुंचकर आगजनी की घटना की जाती है। जिससे संग्रहण का कार्य भी प्रभावित होता है और ठेकेदारो में दहशत बनी रहती है। परंतु नक्सलियों के मंसूबो को नाकाम करने के लिए बालाघाट पुलिस के जवान संग्रहण केंद्रों में पहरा दे रहे हैं।