Bandhavgarh Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के उमरिया से बड़ी खबर है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही हाथियों की मौत से हड़कंप मच गया। दो दिन में सात हाथियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को जंगल में चार हाथी मृत मिले थे। बुधवार (30 अक्टूबर) सुबह तक तीन और हाथियों ने दम तोड़ दिया। 3 हाथियों की हालत गंभीर है। तीनों का इलाज चल रहा है। शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने पर जहरखुरानी की आशंका जताई है।
#WATCH उमरिया: 4 हाथियों की मौत पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक पी.के. वर्मा ने बताया, "घटना की जांच के लिए टीम बना दी गई हैं। 4 हाथियों की मौत हुई है। ये 13 हाथियों का समूह है। 4 हाथियों का इलाज चल रहा है।" (29.10) pic.twitter.com/DCVOJhSnD6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 29, 2024
दफनाने के लिए 300 बोरी नमक मंगाया
आठ डॉक्टरों की टीम हाथियों का पोस्टमॉर्टम करने में लगी है। पीएम के बाद हाथियों को दफनाया जाएगा। इसके लिए 300 बोरी नमक मंगाया गया है। दो जेसीबी की मदद से गढ्ढे खुदवाए जा रहे हैं। गंभीर तीन हाथियों के इलाज में बांधवगढ़, संजय टाइगर रिजर्व समेत कटनी, उमरिया और स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर के वेटरनरी डॉक्टर जुटे हैं। भोपाल से एसटीएफ की टीम भी पहुंची है। पांच किलोमीटर के एरिया में जांच की जा रही है।
रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर ने क्या बताई वजह
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा के मुताबिक, फिलहाल फॉरेस्ट रिजर्व में जंगली हाथियों की संख्या 60 है। इन हाथियों के अलग अलग झुंड रिजर्व के आसपास घूमते रहते हैं। डिपार्टमेंट के रेंजर इन पर नजर रखने के लिए नियमित पेट्रोलिंग करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हाथियों को कोई जहरीली चीज खिलाई गई है या हो सकता है कि हाथियों ने किसी नशीले पदार्थ को खा लिया हो। रिजर्व के एक हिस्से में कोदो-कुटकी भी है। इस बात की भी आशंका है कि हाथियों ने यही खा लिया हो। आधा पका या ज्यादा मात्रा में कोदो-कुटकी खाने से हाथियों को डिहाइड्रेशन हो जाती है और यह भी हाथियों की मौत की वजह हो सकती है।
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पांच टीमों का किया गठन
वन विभाग ने हाथियों की मौत की जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया है। बुधवार की सुबह भोपाल से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की एक टीम बांधवगढ़ पहुंची। इस टीम के एक्सपर्ट ने हाथियों की मौत की वजह की पड़ताल शुरू कर दी है। इन टीमाें के साथ ही डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया गया है, जिससे पता लगाया जा सके कि रिजर्व एरिया में किसी ने जानबूझकर हाथियों को जहरीली चीज तो नहीं दी है। इस पूरे इलाके की बारीकी से सर्चिंग शुरू कर दी गई है।
बेहोश होकर अचानक गिरे हाथी
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार दोपहर को जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा है। खितौली और पतौर परिक्षेत्र के सलखनियां में आठ हाथियों की तबीयत बिगड़ गई। सभी 100 से 200 मीटर के एरिया में बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जबलपुर, उमरिया और कटनी से आठ से ज्यादा वेटरनरी डॉक्टरों को बुलाया गया। मंगलवार को चार और बुधवार सुबह तीन हाथियों की मौत हो गई।