Tourist Places in MP : मध्य प्रदेश पर्यटन निगम एमपी के 50 ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकिसित जा रहा है। इन स्थलों को आकर्षक बनाकर पर्यटकों के जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मध्य प्रदेश पर्यटन निगम द्वारा चिह्नित किए गए ज्यादातर स्थल खजुराहो, पचमढ़ी और अमरकंटक जैसे विश्व विख्यात पर्यटन स्थलों के आसपास हैं। चिह्नित स्थलों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ताकि, मुख्य पर्यटन केंद्रों में आने वाले सैलानी चिह्नित स्थलों का भी भ्रमण कर सकें। जानकारी और सुविधाओं के अभाव में अभी बहुत कम पर्यटक इन स्थलों तक पहुंच पाते हैं।
MP के यह पर्यटन स्थल होंगे विकसित
जिला | चिह्नित किए गए ऐतिहासिक स्थल |
भोपाल | खारीगांव, केकड़िया, जगदीशपुर |
ग्वालियर | मितावली, पड़ावली के मंदिर, तेली का मंदिर, सहस्त्रबाहु मंदिर |
मुरैना | ककनमठ मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर |
जबलपुर | मदन महल, नर्मदा तट, |
रीवा | बहुती झरना, क्योटी जलप्रपात |
छतरपुर | जटाशंकर, भीमकुंड |
दमोह | नजारा व्यू प्लाइंट, निदान कुंड और सद्भावना शिखर |
दतिया | सोनागिरी जैन मंदिर, दतिया का किला |
छिंदवाड़ा | पातालकोट और तामिया (प्राकृतिक स्थल) |
मंदसौर | पशुपतिनाथ और धर्मराजेश्वर मंदिर |
बड़े शहरों के करीब हैं ऐतिहासिक स्थल
- पर्यटन विभाग के मुताबिक, चिह्नित किए गए अधिकतर स्थल बड़े शहरों के करीब हैं। इनमें खजुराहो के पास रनेह वाटरफाल, भोपाल के खारीगांव और केकड़िया, पचमढ़ी के पास तामिया और देवगढ़, गांधी सागर के पास चतुर्भुज नाला जैसे स्थल शामिल हैं।
- भोपाल के जगदीशपुर, जबलपुर के मदन महल किला और नर्मदा तट, ग्वालियर के मितावली और पड़ावली मंदिर, दमोह का सिंग्रामपुर किला शामिल हैं। यहां भी पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। ताकि पर्यटक इन ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण कर सकें।
3 करोड़ पर्यटक आते हैं हर साल
मध्य प्रदेश में हर साल अभी 2.5 से 3 करोड़ पर्यटक यहां के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करते हैं। नए पर्यटन स्थल विकसित करने से न सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट मिलेगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
पर्यटकों को मिलेंगी यह सुविधाएं
नए पर्यटन स्थलों में टूरिस्ट की सेफ्टी, आवागमन, खान-पान और विश्राम के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। साथ ही पर्यटन स्थलों में रख-रखाव के जरूरी कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। गाइड, टैक्सी सहित अन्य सुविधाएं आउट सोर्स की जाएंगी। ताकि, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके।