World Diabetes Day: मध्य प्रदेश में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। आंध्र प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश दूसरा राज्य है, जहां सबसे अधिक मधुमेह रोगी हैं। नेशनल हेल्थ मिशन ने 2.5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग कराई। इसमें से 14 लाख डायबिटीज के मरीज मिले। 38 हजार बच्चों में भी टाइप-1 डायबिटीज के लक्षण मिले हैं। जो चिंता का विषय है। आपके बच्चे में भी यदि मधुमेह के लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डायबिटीज मरीजों के मामले में मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। नेशनल हेल्थ मिशन ने 2.5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग कराई। इनमें से 14 लाख डायबिटीज के मरीज सामने आए हैं। बच्चे भी इस बीमारी से अछूते नहीं हैं। नेशनल हेल्थ मिशन की जांच में 38,000 बच्चे टाइप-1 की डायबिटीज से पीड़ित मिले हैं।
डायबिटीज की मुख्य वजह
मधुमेह एक आनुवांशिक बीमारी है। जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी फैलती है। इसकी मुख्य वजह अनियमित दिनचर्या और खान-पान है। विशेषज्ञों ने बताया कि शारीरिक सक्रियता की कमी, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग और फास्ट फूड से भी बच्चों में डायबिटीज फैलती है।
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डायबिटीज के लक्षण
किसी व्यक्ति की गर्दन काली पड़ रही हो, भूख-प्यास बढ़ गई हो और बार-बार पेशाब लगे तो अलर्ट हो जाना चाहिए। यह डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा मधुमेह रोगियों का वजन भी घटने लगता है। उसे अत्यधिक थकान महसूस होने लगती है। आंखों में धुंधलपन दिखने लगता है। घाव या चोट लगने पर जल्दी ठीक नहीं होता। हाथ-पैर में झुनझुनाहट, दर्द और सुन्नता महसूस होने लगती है।
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डायबिटीज से बचाव के उपाय
डॉ. अखिलेश सिंह ने बताया धूम्रपान और शराब के सेवन से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इसलिए इससे दूर ही रहें। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करें। मार्निंग वॉक, तैराकी और योग-ध्यान सहित अन्य एक्टीविटीज भी फायदेमंद साबित होगी। रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें। 7-9 घंटे की नींद जरूरी है। मीठा कम खाएं और रिफ़ाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन से बचें। पानी ज़्यादा से ज्यादा पिएं। हाई फ़ाइबर डाइट, प्रोटीन और विटामिन डी की कमी पूरी करने वाले फल सब्जियां खाएं। ब्लड शुगर की जांच करते रहें और डॉक्टर से सलाह लें।