प्रशांत शुक्ला, भोपाल: लोकायुक्त और उप लोकायुक्त के पास सीधे जाने वाली शिकायतों की जांच में अब सीनियर अफसर ही जाएंगे। इस संबंध में शासन की तरफ से सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सभी विभागों को लिखित निर्देश जारी कर दिए हैं। जीएडी द्वारा सभी विभागों, एचओडी, कमिश्नर और कलेक्टर को लिखे पत्र में जीएडी ने कहा है कि लोकायुक्त और उपलोकायुक्त के पास लंबित शिकायत की जांच को लेकर अफसरों द्वारा लापरवाही बरतने की शिकायत आई है।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि शिकायत की जांच के लिए तलब किए गए आला अधिकारी खुद लोकायुक्त या उपलोकायुक्त के सामने पेश होने के बजाय अपने जूनियर अफसरों को भेजते हैं। इनमें से अधिकांश को तो उस केस की पूरी जानकारी तक नहीं होती।
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पिछले 12 तारीख को लोकायुक्त ने प्रदेश शासन को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की थी। अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि लोकायुक्त और उप लोकायुक्त के पास लंबित शिकायतों और जांच में संबंधित अफसर पेश ही नहीं होते। इसके साथ ही ऐसे जूनियर अफसर आधी-अधूरी जानकारी लेकर पहुंच जाते हैं, जिससे मामले की जांच प्रभावित होती है।
इस नाराजगी भरे पत्र के बाद जीएडी के उप सचिव अजय कटेसरिया द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि अब जिम्मेदार खुद ही लोकायुक्त और उप लोकायुक्त के सामने हाजिर होंगे। यदि किसी कारणवश जिम्मेदार अफसर का पेश होना संभव न हो तो उसके स्थान पर अंडर सेक्रेटरी (अवर सचिव) या उससे ऊपर के स्तर का वही अधिकारी पेश होगा जिसे प्रकरण के विषय में पूरी जानकारी हो। जिन विभागों में अवर सचिव नहीं है वे ऐसी स्थिति में सेक्शन ऑफिसर को हाजिर होने भेज सकते हैं। फिलहाल जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह प्रदेश के लोकायुक्त हैं और उपलोकायुक्त का पद पिछले साल नवंबर में जस्टिस एसके पालो का कार्यकाल खत्म होने के बाद से रिक्त है।