Bhopal Action on private school: मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार सख्त है। गुरुवार को राजधानी भोपाल की चार स्कूलों के खिलाफ फीस अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। 10 फीसदी से अधिक फीसवृद्धि करने पर प्रशासन ने 2-2 लाख का जुर्माने का नोटिस जारी किया है। अभिभावकों से वसूली गई फीस लौटाने 30 दिन की मोहलत दी गई है।
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अंजनी कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को कोलार क्षेत्र में संचालित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), श्रीचैतन्य टेक्नो स्कूल, कैंपियन स्कूल भौंरी सहित एक अन्य निजी स्कूल को नोटिस जारी कर 30 दिन में बढ़ाई गई फीस विद्यार्थी या अभिभावकों के खाते में ऑनलाइन लौटने के आदेश दिए हैं।
फीस अधिनियम का उल्लंघन
दरअसल, जिन प्राइवेट स्कूलों ने हर वर्ष 10 फीसदी से ज्यादा शुल्क बढ़ाई है, उन्हें फीस लौटाने के आदेशित किया गया है। प्रशासन ने संचालकों को चेतावनी दी है कि फीस अधिनियम का पालन किए बिना ली गई फीस वापस न करने पर धारा 9 (9) के तहत जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
93 स्कूलों ने ही दिया फीस का ब्यौरा
भोपाल में संचालित 150 सीबीएसई स्कूलों में 93 ने ही फीस व आय-व्यय का ब्यौरा दिया है। 24 जून अंतिम तिथि इसके लिए लास्ट डेट थी। 24 तक जानकारी न देने वाले स्कूलों की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने समिति बनाई है। जो स्कूल पहुंचकर उनके लेखा जोखा की पड़ताल करेगी।
10-12 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई का प्रतिवेदन
एसडीएम व तहसीलदारों ने 10-12 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई का प्रतिवेदन कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भेजा है। इन स्कूलों की संख्या एक-दो दिन में और बढ़ेगी। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग से संबद्ध 877 प्राइवेट स्कूलों ने पोर्टल पर फीस की जानकारी अपलोड की है। शिक्षा विभाग अब फीस अधिनियम 2017 और 2020 के तहत कार्रवाई कर रहा है।
10.5 से 15 फीसदी तक बढ़ाई शुल्क
जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी त्रिपाठी ने कहा, जिन स्कूलों पर कार्रवाई की गई है, उन्होंने पिछले पांच वर्ष में 10.5 से 15 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई है। सात दिन के अंदर इनसे विद्यार्थियों का डाटा मांगा है। साथ ही 30 दिन में विद्यार्थियों या अभिभावकों के खाते में बढ़ाई गई फीस लौटाने के लिए नोटिस दिया गया है।
कलेक्टर बोले-कार्रवाई जारी रहेगी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद चार निजी स्कूलों के खिलाफ फीस अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। आगे भी इस तरह की मनमानी पर निरंतर कार्रवाई की जाती रहेगी।