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MP Expressway Industrial Region: मुंबई-दिल्ली और नागपुर लखनऊ जैसे बड़े शहरों को जोड़ने एमपी में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाए जाने हैं। राज्य सरकार इन हाइवे के किनारे इंडस्ट्रियल रीजन का प्लान तैयार किया है।

MP Expressway Industrial Region: भारतमाला परियोजना के तहत मध्य प्रदेश में 5 एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित हैं। जो न सिर्फ ट्रांसपोर्ट सुविधा और कनेक्टविटी बेहतर करेंगे, बल्कि एमपी के औद्योगिक विकास में गति लाएंगे। सरकार ने इन एक्सप्रेस के किनारे मल्टी लॉजिस्टिक वेयर हाउस और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने जा रही है। इसके लिए जमीन चिहि्नत कर ली गई है। 

मुंबई-दिल्ली और नागपुर लखनऊ जैसे बड़े शहरों को जोड़ने 6 लेन और 8 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाए जाने हैं। राज्य सरकार इन सड़कों के किनारे इंडस्ट्रियल रीजन तैयार करने का प्लान बनाया है। ताकि, बड़ी बड़ी फैक्ट्रियां डाली जा सकें।

इंडस्ट्रियल रीजन में निवेशकों के लिए बेहतर इंन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्घ कराया जाएगा। इससे स्थानीय किसानों को भी फायदा होगा। मोटी कमाई का रास्ता खुलेगा। मध्य प्रदेश सरकार ने इंडस्ट्रियल रीजन के लिए 5 एक्सप्रेसवे और हाईवे चिन्हित किए हैं। जहां 24 हजार एकड़ क्षेत्र में औद्योगिक कॉरिडोर विकसित कर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 

MP के इन एक्सप्रेसवे व हाइवे किनारे डेवलप होंगे इंडस्ट्रियल कारिडोर 

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) 
भारत का यह सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। देश की राष्ट्रीय राजधानी और आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस से रतलाम, झाबुआ और इंदौर को सीधा फायदा होगा। सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के किनारे 4 से 5 औद्योगिक जोन विकसित करने 4 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की है। निवेशकों को यहां हर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। रतलाम में बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनेगा। 

दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेसवे (Delhi-Nagpur Expressway) 
दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेसवे के किनारे भी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। इसके लिए सागर जिले में 2 हजार एकड़, सिवनी में 1200 एकड़ और होशंगाबाद में 2600 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। जहां बड़ा औद्योगिक हब तैयार किया जाएगा। दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेसवे एमपी के मुरैना, ग्वालियर, भोपाल, नर्मदापुर और बैतूल जिलों से होकर गुजरेगा।  

मुंबई-वाराणसी एक्सप्रेसवे (Mumbai-Varansi Expressway) 
मुंबई-वाराणसी एक्सप्रेसवे बड़ा औद्योगिक हब बनेगा। बुरहानपुर से सिंगरौली तक इसमें 5 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाने हैं। राजधानी भोपाल के पास मंडीदीप और आष्टा में 4-4 हजार, जबलपुर और कटनी में 1400-1400 एकड़ जमीन चिहि्नत की गई है। सतना, रीवा और सिंगरौली जिले में भी 4 हजार एरिया चिन्हित किया गया है। औद्योगिक विकास से रोजगार और निवेश के मौके भी बढ़ेंगे। 

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भोपाल-देवास हाईवे (Bhopal-Devas Highway)
एमपी की राजधानी भोपाल को इंदौर को जोड़ने वाले इस हाइवे के किनारे इंडस्ट्रियल टाउन विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए देवास और शाजापुर और आष्टा में 2 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से किसानों व बेरोजगार युवाओं को फायदा होगा। 

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भोपाल-लखनऊ (Lucknow-Bhopal Highway)
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और यूपी की राजधानी लखनऊ को जोड़ने फोरलेन सड़क बनाई जानी है। जो यूपी के कानपुर, झांसी समेत बुंदेलखड़ के कई जिलों को कनेक्ट करेगा। राज्य सरकार कानपुर-सागर फोरलेन को भोपाल तक बढ़ाकर इसके किनारे नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्लान तैयार किया है। उद्योग-धंधों के लिहाज से यह कॉरिडोर भी बेहतर साबित होगा।

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