भोपाल (वहीद खान): खेती के काम में उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली से इन दिनों राजधानी में रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा है। रेत माफिया किसानों को लालच देकर उनसे रेत का परिवहन करा रहे हैं, जिसकी वजह से खनिज विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। मप्र रेत एसोसिएशन ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मोहन यादव को भेजी है।
एसोसिएशन ने शिकायती पत्र में लिखा है कि खेती के कामों के नाम पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का जिले में व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। अगर कोई व्यक्ति ट्रैक्टर-ट्रॉली खरीद कर उसका व्यावसायिक उपयोग कर रहा है, तो उसे ट्रैक्टर-ट्रॉली का अलग-अलग पंजीयन कराना होता है। इसके अलावा कई ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत, ईंट-पत्थर, भूसा, तूरी, बिल्डिंग मटेरियल ढोने का काम कर रहे हैं।
प्रभारी जिला खनिज अधिकारी अशोक नागले का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत परिवहन पर कार्रवाई नहीं की जाती है। अगर कारोबार को लेकर परिवहन किया जा रहा है, तो दिखवा लेंगे।
जिले में 16 हजार ट्रैक्टर-ट्रॉली
परिवहन विभाग के मुताबिक, वर्तमान में जिले में 16475 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां पंजीकृत हैं। जिनमें से 678 ट्रैक्टर और 467 ट्रॉलियां ही व्यवसायिक रूप से पंजीकृत हैं। ऐसे में 15 हजार 330 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में से 10 फीसदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों का ही उपयोग कृषि कार्य में हो रहा है। शेष ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के मालिक उनका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं।
रेत कारोबारी भी कर रहे गोलमाल
राजधानी में रोजाना 100 से अधिक रेत के डंपर आते हैं, जिनमें से आधे से अधिक डंपर बिना रायल्टी के रहते हैं। हाल ही में खनिज विभाग ने एक रायल्टी पकड़ी थी, जो फर्जी निकली थी। सूत्र के मुताबिक, खनिज विभाग ने सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा कर दिया। खास बात है कि खनिज अधिकारी शिकायत होने पर ही जांच करने सड़कों पर उतरते हैं।