भोपाल। भोपाल में एनजीओ के अवैध हॉस्टल (चिल्ड्रन होम) से लापता सभी 26 बच्चियां मिल गई हैं। बच्चियों को भोपाल और आसपास के क्षेत्र से बरामद किया है। 10 बच्चियां आदमपुर छावनी हरिपुरा, 13 बच्चियां अयोध्या बस्ती, 2 रूप नगर क्रेशर और एक बच्ची रायसेन से बरामद की गई है।
आंचल नाम के इस हॉस्टल में कुल 68 बच्चियां रजिस्टर्ड हैं। शुक्रवार को जब राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने निरीक्षण किया तो 68 में से 41 बच्चियां ही मौके पर मिलीं। जिसकी शिकायत पर परवलिया पुलिस ने शनिवार को हॉस्टल संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव वीरा राणा से सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता बालिकाओं का वेरिफिकेशन हो गया है, सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है।
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 6, 2024
एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : CM
इन पर गिरी गाज, दो से तीन दिन मांगा जवाब
मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग, परियोजना अधिकारी कोमल उपाध्याय और सुपरवाइजर मंजूषा राज को निलंबित कर दिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग गंजबासौदा के परियोजना अधिकारी बृजेंद्र प्रताप सिंह को भी सस्पेंड किया है। वे पहले भोपाल में पदस्थ थे। भोपाल संभाग आयुक्त पवन कुमार शर्मा ने जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार सोलंकी और सहायक संचालक समेकित बाल संरक्षण योजना रामगोपाल यादव को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है।
भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 6, 2024
मामले की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है
पुलिस ने बताया कि बच्चियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब तक की जांच में बच्चियों के साथ किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न और मारपीट संबंधी बात सामने नहीं आई है। सभी पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है। आंचल चिल्ड्रन होम का संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।
Madhya Pradesh | FIR registered at Parwaliya Sadak Police Station in Bhopal under sections of Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015 naming one Anil Methew - the manager of children's home - as an accused. The FIR states that of the 68 girls registered at…
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 6, 2024
छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और राजस्थान की रहने वाली है बच्चियां
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने शुक्रवार को आंचल मिशनरी संस्था से संचालित चिल्ड्रन होम का निरीक्षण किया था। यहां के संचालक का नाम अनिल मैथ्यू है। हॉस्टल में सड़कों से रेस्क्यू कर लाई गईं बच्चियों को रखा जाता है। आंचल चिल्ड्रन होम में राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम को जो बच्चियां मौके पर मिली, वो छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और राजस्थान की रहने वाली हैं। रेस्क्यू की गई 6 से 18 साल तक की बच्चियों में 3 मुस्लिम, 3 क्रिश्चियन और 35 हिंदू हैं।
परिजनों को सुपुर्द करने की जानकारी दी लेकिन दस्तावेज नहीं मिले थे
बाल संरक्षण आयोग की टीम ने जब चिल्ड्रन होम हॉस्टल के रिकॉर्ड खंगाले तो 26 नाबालिग लड़कियों के रजिस्ट्रेशन फॉर्म मिले थे। हॉस्टल संचालक अनिल मैथ्यू ने आयोग को कार्रवाई के दौरान नाबालिग बच्चियों को उनके परिजनों के सुपुर्द करने की जानकारी थी। लेकिन सुपुर्दगी का कोई भी दस्तावेज आयोग के अफसरों को नहीं मिले थे।
National Commission for the Protection of Child Rights (NCPCR) chief Priyank Kanoongo writes to the Madhya Pradesh Chief Secretary regarding a children's home that is allegedly unregistered and where 26 girls were reportedly found missing. pic.twitter.com/7ZkggbAnsV
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 6, 2024