भोपाल। देवनागरी लिपि के जरिए रामायण की मिरर इमेज में लिखना अपने आप में अनूठा है। यानी देवनागरी लिपि को इस तरीके से लेखबद्ध किया है कि आईने के सामने आपको लिपि पठनीय लगे। जी हां पेशे से बिजनेस वूमेन भोपाल शहर की कनिष्का सिंह करीब 7 साल की उम्र से ही उल्टा लिखना शुरू कर दिया था, कनिष्का कहती हैं कि हमारे घर में शुरू से ही आध्यात्मिक माहौल था, हमारे घर भागवत का पाठ, रामायण का पाठ होता ही रहता था और जब मैं उल्टा लिखती थी तो मेरे नाना जी कहते थे कि ऐसा कुछ लिखो कि जो सार्थक सिद्ध हो। उन्होंने कहा कि यदि तुम्हें उल्टा ही लिखना है तो रामायण जैसे ग्रंथ को लिखो, तब नाना जी की प्रेरणा से मैंने उल्टा लिखना शुरू किया और 15 से 18 साल की उम्र तक मैंने सम्पूर्ण रामायण को उल्टा लिखा, मिरर इमेज के रुप में। जिसे लिखने में मुझे तीन वर्ष लगे।

ऐसा लगा मानों राम स्वयं मेरी मदद कर रहे हैं
कनिष्का कहती हैं कि जब मैं इस कार्य को कर रही थी तब ऐसा लगता था कि भगवान राम स्वयं मेरी मदद कर रहे हैं और पता ही नहीं चला कि मैंने इतने बड़े ग्रंथ को मात्र तीन वर्ष में लिख लिया, वह भी अपनी पढ़ाई के साथ-साथ। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-10 में मैंने सम्पूर्ण रामायण को उल्टा लिख लिया था लेकिन गिनीज बुक या अन्य किसी पुरस्कार के लिए अप्लाई नहीं किया।

 

अब बाईबल को भी उल्टा लिखने का सोचती हूं
लेकिन अब मैं सोचती हूं कि मैं बाइबल को भी उल्टा लिखूं, उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मैं वाटर इमेज भी हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिख लेती हूं। जिसमें मैं उल्टा लिखूंगी और सामने वाले को वह सीधा दिखाई देगा। कनिष्का कहती हैं कि मेरे इस अनोखे कार्य में मेरे पेरेंट्स के साथ-साथ टीचर्स ने भी काफी सपोर्ट किया है। इसके साथ ही मैं डिजिटल आर्ट वर्क भी करती हूं, जिससे बनी मेरी पेंटिंग को लोगों द्वारा काफी सराहना मिलती है और मुझे इससे काफी अच्छी इनकम भी हो जाती है।