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पीडब्ल्यूडी में ईएनसी को लेकर वैसे तो करीब दो महीने से घमासान मचा हुआ है, किंतु अब जबकि मेहरा इसी महीने 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति हाे जाएंगे। इसके बाद ईएनसी की जवाबदारी किसे मिलेगी, इसे लेकर इंजीनियरों में आपसी घमासान तेज हो गया है।

हरि अग्रहरि. भोपाल। पीडब्ल्यूडी में ईएनसी की नियुक्ति का मामला इस समय गरमाया हुआ है। आज से ठीक 15 दिन बाद मौजूदा ईएनसी आरके मेहरा सेवानिवृत हो जाएंगे। वे हालांकि अपने एक्सटेंशन को लेकर आश्वस्त हैं, किंतु इंजीनियरों की एक लॉबी ईएनसी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। पीडब्ल्यूडी में वर्ष 2023 के ग्रेडेशन के अनुसार केपीएस राणा सबसे ऊपर हैं। इसके बाद मंत्रालय में सचिव एआर सिंह का नाम है। उनसे ठीक नीचे एसएल सूर्यवंशी, रामलाल वर्मा व वीके आरख का नाम है। इसमें से सूर्यवंशी की विभागीय जांच शुरू है, जबकि आरख का एक पुराना मामला फिर से उठ खड़ा हुआ है। ग्रेडेशन में काफी नीचे संजय मस्के भी दांव आजमा रहे हैं। 

सूत्र बताते हैं कि सूर्यवंशी ईएनसी बनने के लिए खासे उत्साहित थे। उन्होंने अपना इंतजाम भी कर लिया था, किंतु अचानक उनका मामला उठ खड़ा हुआ। राज्य शासन ने एक शो-कॉज नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब कर लिया। अभी इस मामले में उन्हें कोई क्लीनचिट नहीं मिली है। इस वजह से उनका मामला लगभग अटक गया है। किंतु सबसे उपर के दावेदारा राणा भी लाबिंग में जुटे हैं। हालांकि वे इसलिए आश्वस्त है कि ग्रेडेशन में सबसे उपर होने की वजह से उनका ईएनसी बनना तय है। किंतु सभी मामलों में प्रबल रूप से दावेदारी आरख कर रहे हैं। वे अभी ग्वालियर में प्रभारी मुख्य अभियंता के पद पर पदस्थ हैं। 

2019 में उन्होंने प्रोफार्मा पदोन्नति ले ली थी। उनके एक पुराने जाति प्रमाणपत्र के मामले की शिकायत हुई है। बताते हैं कि जनजातीय विभाग से उस वक्त की जांच की फाइल गायब हो चुकी है, किंतु यह मामला पेंचीदा फंसा हुआ है। ऐसे में ईएनसी बनने की सबसे बड़ी बाधा उनके सामने है। इसीतरह राणा की भी एक शिकायत 10 साल बाद अपने ग्रेडेशन में ए प्लस जुड़वाने का है। किंतु उसमें कोई खास दम नहीं है।

संजय मस्के के भी ईएनसी बनने की चर्चा जोरों पर
मस्के ग्रेडेशन लिस्ट में 18 वें नंबर पर हैं। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पूरी जोर आजमाइश लगा दी है। किंतु ग्रेडेशन लिस्ट में 15 वें नंबर पर उनसे उपर एससी वर्मा भी लगे हुए हैं। वे जबलपुर में प्रभारी सीई हैं और वहीं से पूरी ताकत लगाए हुए हैं। मंत्रालय में सचिव एआर सिंह भी प्रबल दावेदार हैं, किंतु वे यह मानते हैं कि मौजूदा माहौल में वे ईएनसी नहीं बन पाएंगे, इसलिए कोई जोर नहीं लगा रहे हैं। उधर, यदि सब कुछ नियमानुसार हुआ तो राणा को ईएनसी बना दिया जाएगा। 

चूंकि वे ग्रेडेशन में पहले नंबर पर हैं। दूसरी तरफ पीआईयू के प्रमुख अभियंता शालिग राम बघेल की कोशिश है कि वे ईएनसी बन जाए और जो भी पदोन्न्ात होकर आए वह पीआईयू में आए। वे भी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। पीडब्ल्यूडी में चर्चा है कि ईएनसी बनने का पूरा खेल सहयोग राशि पर टिका है। यदि सचमुच में ऐसा हुआ तो जो जितना खर्च करेगा, वही ईएनसी बनेगा।

इसी एक पखवाड़े में नाम तय होना है
पीडब्ल्यूडी में ईएनसी को लेकर वैसे तो करीब दो महीने से घमासान मचा हुआ है, किंतु अब जबकि मेहरा इसी महीने 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति हाे जाएंगे। इसके बाद ईएनसी की जवाबदारी किसे मिलेगी, इसे लेकर इंजीनियरों में आपसी घमासान तेज हो गया है। ग्रेडेशन लिस्ट के अनुसार बघेल व राणा के बाद एआर सिंह, एसएल सूर्यवंशी, आरएल वर्मा, वीके आरख, योगेंद्र बागोले, छक्कन सिंह खरत, गोपाल सिंह, एससी वर्मा, संजय कुमार खांडे, रमेश कुमार अहिरवार व संजय मस्के का नाम है। 

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