Logo
Bhopal: भोपाल नगर निगम ने बढ़ते हुए कुत्तों की जनसंख्या को देखते हुए 9 एबीसी सेंटर के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

आनंद सक्सेना, भोपाल: भोपाल में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मौसम बदलने के साथ यह हमलावर हो जाते हैं। सर्दी के अलावा गर्मी में भी इनसे बचकर रहना जरूरी है, लेकिन इनकी आबादी रोकना जरूरी है। नगर निगम के वेटनरी विभाग ने केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यहां पर 3 एबीसी सेंटर से आवारा कुत्तों की लगातार आबादी बढ़ती जा रही संख्या को रोकना संभव नहीं है। केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार भोपाल में कम से कम 9 एबीसी सेंटर होना चाहिए।

निगम अधिकारियों के अनुसार 3 एबीसी सेंटर में हर साल 20 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी हो रही है। इस समय इनकी आबादी 1 लाख 20 हजार है। अगर नसबंदी की यही गति रही तो बढ़कर संख्या दो गुनी हो जाएगी। क्योंकि एक अनुमान के अनुसार भोपाल में 30 हजार फीमेल स्ट्रीट डॉग हैं, जो एक बार में 6 से 8 बच्चे देती हैं। इसमें से कम से कम करीब 4 बचते हैं। एक साल में दो बार बच्चे होने से एक फीमेल स्ट्रीट डॉग से 8 बच्चे अगर बचे तो 30 हजार से एक साल में कुल संख्या ढाई लाख के करीब हो जाएगी। रोकथाम सिर्फ 20 हजार की हो पा रही है। इसलिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर कम से कम 9 एबीसी सेंटर बनाने के लिए कहा गया है।

ये भी पढ़ें: कविता खन्ना ट्रिपल आईटी के बीओजी की चेयरपर्सन नियुक्त, राष्ट्रपति मुर्मू ने की नियुक्ति

नई गाइड लाइन भी जारी की
नगर निगम के द्वारा नई गाइड लाइन जारी कर कहा है कि मौसम बदलने पर आवारा कुत्तों से बचना बेहद जरूरी है। क्योंकि बदलते मौसम में यह कुत्ते आपस में ही ढगड़ते हैं और किसी आदमी द्वारा इन्हें छेड़ा गया तो हमलावर हो जाते हैं। इसके अलावा इस समय इन्हें भोजन नहीं मिल रहा, जिससे भूखे पेट रहने से भी हमला कर देते हैं।

कंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है
वेटनरी चिकित्सक नगर निगम के डॉ बीपी सिंह ने बताया कि भोपाल में कम से कम 9 एबीसी सेंटर होना चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार हर वार्ड के बीच में एक एबीसी सेंटर होना चाहिए। इसको लेकर केंद्र सरकार के पास नए एबीसी सेंटर बनाने प्रस्ताव भेजा है।

5379487