भोपाल। जिला प्रशासन ने भू-जल स्तर में आ रही गिरावट को देखते हुए 30 जून तक नए ट्यूबवेल खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के आदेश के अनुसार, इस अवधि में कोई भी निजी ट्यूबवेल बोरिंग नहीं करा सकता है। अत्यंत आवश्यकता की स्थिति में ही एसडीएम से विशेष अनुमति लेनी होगी। हालांकि सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छूट रहेगी। लेकिन बिना परमिशन बोरिंग कराने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
कलेक्टर का कहना है कि संबंधित एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेंगी या बोरिंग का प्रयास करेंगी, इन मशीनों को जब्त कर संबंधित पुलिस थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
अवैध बोरिंग पर एफआईआर, 2 साल तक की सजा
अगर कोई मशीन अवैध रूप से जिले में प्रवेश करती है या ट्यूबवेल खनन करती है, तो संबंधित एसडीएम और पुलिस अधिकारी मशीन को जब्त कर एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर दो हजार रुपए जुर्माना, दो साल की सजा या दोनों हो सकते हैं।
सरकारी योजनाओं पर रोक नहीं
यह आदेश केवल निजी नलकूपों पर लागू होगा। शासकीय योजनाओं के तहत किए जा रहे नलकूप खनन कार्यों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। पीएचई द्वारा संचालित कार्यों को परमिशन की जरूरत नहीं होगी।
इसलिए पड़ी आदेश की जरूरत
जिले में खेती और व्यवसायिक उपयोग के लिए पानी का अधिक उपयोग होने की वजह से पेयजल स्त्रोत और नलकूपों का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। जिसको देखते हुए जिले में गर्मियों में पेयजल संकट की स्थिति बिगड़ सकती है। यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो गर्मी में जिले में गंभीर पेयजल संकट हो सकता है।