Bhopal Union Carbide toxic waste: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे से 40 साल बाद मुक्ति मिली। धार जिले के पीथमपुर में इसे डीकम्पोज किया जाना है। बुधवार (1 जनवरी 2025) रात विशेष सुरक्षा के बीच 12 कंटेनर कचरा लेकर भोपाल से निकले। इसके लिए 250 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है।
पीथमपुर में कचरा विनिष्टीकरण को लेकर धार और इंदौर जिले में भारी विरोध है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में स्थानीय लोग धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। नगर विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।
हाईकोर्ट ने तलब की स्टेटस रिपोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक जहरीला कचरा डिस्पोज करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार से 3 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है। यही कारण है कि तमाम विरोध के बाद जहरीला कचरा पीथमपुर भेजा गया। रामकी कंपनी इसका निष्पादन करेगी।
एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग में कचरा निष्पादन
हाईकोर्ट के आदेश पर रविवार कचरा निष्पादन की प्रक्रिया पूरी की गई। पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी के एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग में मजदूरों ने जहरीला कचरा कंटेनर में पैक किया। अब इसे ग्रीन कारिडोर बनाकर पीथमपुर ले जाया गया है।
3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान
पीथमपुर में कचरा निष्पादन का भारी विरोध हो रहा है। 10 से ज्यादा संगठनों ने 3 जनवरी को बंद का आह्वान किया है। इनमें पीथमपुर ट्रेड यूनियन, मप्र किसान सभा, पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच भी शामिल हैं। पीथमपुर बचाओ समिति ने 2 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया।
हाईकोर्ट में इंदौर के डॉक्टर्स
इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल एल्युमिनी एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कहा, बिना ट्रायल और रिसर्च के कचरे का निष्पादन उचित नहीं है। स्थानीय नागरिकों के विरोध को अहमियत नहीं दी जा रही है।