Union Carbide waste: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कचरा निस्तारण के लिए सरकार को 6 सप्ताह का समय मिला है। मामले पर अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है। कचरा निष्पादन का पीथमपुर में जबरदस्त विरोध हो रहा है।
दरअसल, भोपाल गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड का कचरा 40 साल बीच शहर में डंप था। जबलपुर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों मामले की सुनवाई करते हुए कचरे का निष्पादन के सरकार को आदेशित दिया था। सोमवार 6 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। इस पर सरकार ने शपथ-पत्र देकर कचरा निष्पादन के लिए समय मांगा है।
ग्रीन कॉरीडोर बनाकर पीथमपुर पहुंचाया कचरा
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए शपथ पत्र में बताया गया कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है। 1 जनवरी, 2025 को ग्रीन कॉरीडोर बनाकर कचरा भोपाल से पीथमपुर ले जाया चुका है। इसमें फायर ब्रिगेड, डाक्टर्स और विशेषज्ञों की टीम सहित अन्य मानदंडों का ध्यान रखा गया।
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18 को प्रस्तुत करें पालन प्रतिवेदन
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने पीथमपुर में कचरा निरस्तारित करने की अनुमति मांगी है। इस पर मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने कहा, कचरे का जब सुरक्षित तरीके से परिवहन हो ही गया है तो निस्तारण के लिए अलग से अनुमति की जरूरत नहीं है। 6 सप्ताह में इसका निस्तारण कर 18 फरवरी को पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करे।
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पीथमपुर में जनाक्रोश
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को यह भी बताया, मीडिया में प्रकाशित खबरों के चलते पीथमपुर में लोग आक्रोशित हैं। विरोध-प्रदर्शन और पथराव जैसी स्थिति बन रही है। इसलिए स्थानीय लोगों को भरोसे में लिए बिना कचरा निस्तारण उचित नहीं है। कोर्ट ने इस पर छह सप्ताह का समय दिया है।