Bhopal News: मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने मोहन सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया। राजधानी भोपाल में बुधवार (2 अक्टूबर) को शिक्षकों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर हंगामा किया। सैकड़ों शिक्षक अंबेडकर मैदान से सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। हंगामा कर रही एक महिला रानी खान अतिथि शिक्षक बेहोश हो गईं। शिक्षकों का कहना है कि ​सरकार ने पिछली बार हमें गुमराह कर दिया था। इस बार हम अपना स्थायीकरण लेकर जाएंगे। अगर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे।

गोली चलाने की चेतावनी
बता दें, इसी दौरान अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान पर तंज कसते हुए 'कब्जा करने आए हैं' के नारे भी लगाए। पुलिस ने बैनर लगाकर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन को गैरकानूनी बताया। बैनर के माध्यम से गोली चलाने की चेतावनी भी दी। गई, हालांकि बाद में बैनर बदल दिया गया।

सरकार की ये घोषणाएं अब भी अधूरी
अतिथि शिक्षकों को अब पीरियड के बजाय मासिक आधार पर मानदेय दिया जाएगा। एक साल का अनुबंध होगा, जिसे हर वर्ष नवीनीकृत किया जाएगा। शिक्षक भर्ती में 25% आरक्षण को बढ़ाकर 50% कर दिया जाएगा। हर महीने एक निश्चित तारीख पर मानदेय देने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। पात्रता परीक्षा के माध्यम से अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की योजना बनाई जा रही है। वर्ष के मध्य में किसी भी अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त नहीं की जाएगी, और कोई गैप नहीं होगा।

कमलनाथ की एक्स पर पोस्ट
पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक नियमितिकरण की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं। आज गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास पहुंचना चाहते हैं। मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से आग्रह करता हूं कि अतिथि शिक्षकों की मांगों को स्वीकार करें। यह मांगे और कुछ नहीं पिछली बीजेपी सरकार के वादे हैं। चुनाव से पहले बीजेपी ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा करें।

इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक 

  • स्कोर कार्ड में अनुभव के अंक: प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक दिए जाएं, अधिकतम 100 अंक तक सभी वर्गों में शामिल किए जाएं।
  • अनुभव आधारित नीति: अतिथि शिक्षकों के अनुभव के आधार पर एक नीति बनाकर उन्हें 12 माह का सेवाकाल दिया जाए और उनकी नियुक्ति स्थायी की जाए।
  • कम परीक्षा परिणाम पर दूसरा मौका: जिन अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 30% से कम है, उन्हें सुधार के लिए एक और मौका दिया जाए।
  • पात्रता परीक्षा: गुरुजियों की तरह, अतिथि शिक्षकों के लिए एक अलग विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर उनकी नियुक्ति की जाए।
  • वार्षिक अनुबंध: अतिथि शिक्षकों के लिए वार्षिक अनुबंध प्रक्रिया को सत्र 2024-25 से लागू किया जाए। नियमितिकरण सहित कई मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं।