भोपाल, कपिल देव श्रीवास्तव। छिंदवाड़ा वन मंडल से तीन माह के नर तेंदुआ शावक वीरा का रेस्क्यू कर पिछले साल फरवरी में इलाज के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उद्यान लाए गया था। जिसकी सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को उपचार के दौरान मौत हो गई। वन विहार के डिप्टी संचालक एसके सिन्हा ने बताया कि शावक 'वीर' अत्यंत कमजोर एवं चलने फिरने में असमर्थ था, जिसका पिछला हिस्सा काम नहीं कर रहा था। 

नर तेंदुआ शावक का वन्यप्राणी चिकित्सक वन विहार डॉ. अतुल गुप्ता द्वारा विशेषज्ञों से परामर्श लेकर कर समुचित सतत उपचार किया गया। इसके आंतरिक अंगों  में कमजोरी के कारण चलने फिरने में असमर्थ था एवं वांछित्त सुधार परिलक्षित नहीं हो रहा था। जिसकी गत दिवस मौत हो गई। इसके बाद नर तेंदुआ शावक का पोस्टमार्टम वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के वन्य प्राणी चिकित्सक दल डॉ अतुल गुप्ता, डॉ हमजा नदीम एवं वाइल्ड लाईफ एस ओ एस वन विहार के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ रजत कुलकर्णी, द्वारा सयुंक्त रूप से किया गया।

मृत नर तेंदुआ शावक के सेम्पल एकत्रित कर परीक्षण के लिए स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक हेल्थ जबलपुर एवं डी आई लैब भोपाल भेजे गए है। पोस्टमार्टम बाद मृत नर तेंदुआ शावक का नियमानुसार वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में वरिष्ठ अधिकारियों तथा उपस्थित कर्मचारियों के समक्ष दाह संस्कार किया गया।