MP News: छतरपुर में कोतवाली पुलिस थाने पर पथराव मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए हाजी शहजाद के आलीशान मकान गिराए जाने के बाद शनिवार को सोशल मीडिया पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, असदुद्दीन ओवैसी और दिग्विजय सिंह ने X पर पोस्ट किया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लिखा - किसी का घर तोड़ना और उसके परिवार को बेघर करना अमानवीय भी है और अन्यायपूर्ण भी। भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों को बार-बार निशाना बनाया जाना बेहद परेशान करने वाला है। कानून के शासन द्वारा शासित समाज में ऐसे कार्यों का कोई स्थान नहीं है।
कांग्रेस पार्टी संविधान की घोर अवहेलना, नागरिकों के बीच भय पैदा करने की रणनीति के रूप में बुलडोज़र का उपयोग करने के लिए भाजपा राज्य सरकारों की कड़ी निंदा करती है। अराजकता प्राकृतिक न्याय का स्थान नहीं ले सकती। अपराधों का फैसला अदालतों में होना चाहिए, न कि राज्य-प्रायोजित दबाव के माध्यम से।
असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री
अब इस मामले में अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री हो गई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ पीएम मोदी संसद में संविधान को चूमते हैं। वहीं बीजेपी की सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।
औवेसी ने कहा- '21 अगस्त के दिन जो वाकया छतरपुर, मध्य प्रदेश में हुआ, मैं इसकी मजम्मत करता हूं, जिस तरह सरकार ने हाजी शहजाद अली के घर को डेमोलिश कर दिया। हम इसकी मजम्मत करते हैं, सरकारें चलती हैं तो रूल ऑफ लॉ से चलती हैं रूल ऑफ मॉब के जरिए नहीं'
दिग्विजय ने पूछा- इन भाजपाइयों को नेस्तनाबूद करेंगे ?
दिग्विजय सिंह ने रांची SSP का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- ‘वीडी शर्मा अब इन भाजपा कार्यकर्ताओं को भी नेस्तनाबूद कर उनके घर पर जेसीबी चलवाएंगे? एक अन्य पोस्ट में उन्होंने छतरपुर में हुई कार्रवाई को लेकर X पर लिखा- छतरपुर में थाने पर पथराव का मैं समर्थन नहीं करता, लेकिन इसके आरोप में हाजी शहजाद अली का मकान जमींदोज करना, उनकी गाड़ियों पर बुलडोजर चलाना और उसे गुनाहों का मुखिया घोषित करना भी संदेह पैदा करता है।
दिग्विजय ने आगे लिखा- संदेह यह भी है कि मप्र में भाजपा नेता जिस घटना को पत्थरबाजी से जोड़ रहे हैं। स्थानीय कलेक्टर उसे अवैध निर्माण का मामला बता रहे हैं।
आरोपी का घर ढहा देना न्याय नहीं: प्रियंका
प्रियंका गांधी ने भी X पर लिखा- अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है, लेकिन आरोप लगते ही उसके परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, आरोपी का घर ढहा देना न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है।
46 नामजद आरोपी बनाएं गए
बता दें, इस मामले में सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि 46 नामजद आरोपी हैं। इनमें से गिरफ्त में आए 22 आरोपियों को शुक्रवार को जेल भेजा जा चुका है। 7 और की शनिवार को गिरफ्तारी की गई है। एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि प्रशासन अलर्ट मोड में है। सीएसपी ने बताया कि गिरफ्तारी के लिए जिला स्तर पर 5 से 6 पार्टियां बनाई गई हैं। पूछताछ में अलग-अलग प्रकार से जानकारी सामने आ रही है।