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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कानून व्यवस्था पुख्ता बनाए रखने बड़ा फैसला किया है। बुधवार की रात आदेश जारी कर उन्होंने भोपाल और इंदौर से 2000 पुलिसकर्मियों को हटाने के निर्देश दिए हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहतर करने नित नए फैसले ले रहे हैं। सबसे पहले CM ने पुलिस के सीनियर अफसरों को पदोन्नत कर संभाग स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद उन्होंने जबलपुर और ग्वालियर में भोपाल-इंदौर की तर्ज पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के आदेश जारी किए। मुख्यमंत्री ने अब भोपाल और इंदौर में सेवाएं दे रहे 2000 पुलिसकर्मियों को हटाने के निर्देश दिए हैं। यह पुलिस कर्मचारी प्रदेश  के अन्य  जिलों में पदस्थ थे, लेकिन सेवाएं भोपाल और इंदौर ली जा रही थीं। इससे प्रदेश के अन्य जिलों का कामकाज प्रभावित हो रहा था। कानून व्यवस्था दुरुस्त करना भी चुनाैती बना हुआ था। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समस्या को देखते हुए इन पुलिस जवानों को उनकी मूल पदस्थापना वाले जिले में वापस करने का आदेश दिया है। 
 

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पुलिस मुख्याल से जारी आदेश कॉपी

दरअसल, भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों से 2000 पुलिस कर्मचारियों को इंदौर भोपाल में अस्थायी तौर पदस्थ किया गया था। अब चूंकि, जबलपुर और ग्वालियर में भी कमिश्नर प्रणाली लागू हो रही है। इसलिए वहां के पुलिस आरक्षकों को वापस किए जाने की मांग की गई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए सीएम ने प्रदेश अन्य जिलों से पदस्थ किए गए पुलिस जवानों को भी वापस करने का आदेश दिया गया है। 

 

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