Logo
मध्य प्रदेश में इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के बाद अन्य शहरों में भी गीले कचरे से बायो संयंत्र स्थापित करने की तैयारी है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अफसरों को निर्देश दिए हैं। 

CNG made from waste in MP: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार कचरा प्रबंधन की दिशा बेहतर कार्य कर रही है। भोपाल, इदौर और ग्वालियर सहित प्रदेश के कई शहरों में कचरे CNG गैस और खाद बनाने की तैयारी है। इसके लिए निजी कंपनियों के सहयोग से करोड़ों के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। भोपाल और इंदौर में बायोगैस संयंत्र का निर्माण कार्य चल रहा है।  

भोपाल के आदमपुर क्षेत्र में 400 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता की बॉयो सीएनजी इकाई निर्माणाधीन है। इसमें 120 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन ने इन्वायरो प्रायवेट लिमिटेड से पीपीपी मॉडल पर अनुबंध किया है। इस अनुबंध के तहत जल्द ही इकाई का संचालन प्रारंभ किए जाने के प्रयास है। कचरा प्रबंधन के मामले में मप्र देश के अन्य राज्यों में आदर्श बनकर उभर रहा है। इसके लिए शहरी गीले कचरे से बॉयो गैस और सीएनजी बनाने की बहुउद्देश्यीय इकाइयों की स्थापना का नीतिगत निर्णय लिया गया है। इंदौर में बेहतर काम हुआ है।

इंदौर में तीन बॉयो गैस संयंत्र तैयार 
इंदौर में चौड्यराम सब्जी मण्डी से निकलने वाले गीले कचरे से 20 टन प्रतिदिन और कबीटखेड़ी से 15 टन प्रतिदिन बॉयो गैस संयंत्र की स्थापना की जा चुकी है। पीपीपी मोड पर करीब 15 करोड़ का निवेश किया गया है। इंदौर नगर निगम ने देवगुराड़िया में 550 मीट्रिक टन प्र-संस्करण क्षमता का गोबरधन बॉयो सीएनजी संयंत्र स्थापित किया जा चुका है। इस इकाई से 17 हजार 500 किलोग्राम बॉयो सीएनजी और 100 टन खाद का उत्पादन हो रहा है। इन्वायरमेंटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड सर्विसेस लिमिटेड और जर्मन कम्पनी प्रोवेप्स के साथ पीपीपी मोडल आधार पर तैयार किया गया है।

ग्वालियर में दो बायोगैस संयंत्र की स्थापना 
ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में 8 हजार गायों से प्राप्त होने वाले गोबर को कचरा प्र-संस्करण संयंत्रों से बायों गैस बनाने के प्रयास जारी हैं। 100 टन प्रतिदिन क्षमता वाली गौशाला के नजदीक ही बनाई गई है। ग्वालियर में ही एक और बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। जिसकी क्षमता 435 टन प्रतिदिन प्रस्तावित की गई है।

उज्जैन, खण्डवा और देवास में चल रहे प्रयास 
क्लस्टर आधार पर मुरैना, बुरहानपुर, खण्डवा, देवास, रतलाम और उज्जैन में स्टेण्डअलोन योजना के अतर्गत गीले कचरे से बायो गैस बनाने के लिये लघु परियोजना के क्रियान्वयन की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। इनकी क्षमता 600 टन प्रतिदिन होगी।

नगरीय विकास मंत्री के निर्देश
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शहरों के गीले कचरे के बेहतर प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन इकाइयों के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कहा, नगरीय निकायों द्वारा प्रस्तावित इकाइयों को राज्य सरकार द्वारा हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

5379487