Eye-Flu Attack: बारिश के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इसके मरीजों की संख्या एक सप्ताह से अचानक बढ़ने लगी है। राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल हो या फिर हमीदिया अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 50 प्रतिशत ओपीडी आई फ्लू मरीजों की है। ओपीडी के नेत्र विभाग में ज्यादातर मरीज कंजंक्टिवाइटिस के आ रहे हैं।

संपर्क में आने से फैलता है
विशेषज्ञों ने बताया कि ओपीडी में रोजाना करीब 300 से 350 मरीज नेत्र रोग का इलाज करवाने के लिए आते हैं। इनमें से 80 से 100 मरीज कंजंक्टिवाइटिस के आ रहे हैं। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं। इसमें आंख लाल होना, पलकों में सूजन आना, आंखें खोलने में परेशानी, धुंधला दिखना आदि समस्या होने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार कंजंक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

यह भी पढें: मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, जानें क्या होगा फायदा?

मरीजों की बढ़ गई संख्या
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। कई लोग बिना विशेषज्ञों की सलाह से आई ड्राप का उपयोग करते हैं, जो नहीं करना चाहिए। हमेशा विशेषज्ञों से इलाज करवाएं, ताकि आंखों की किस लेयर पर है, यह पता कर बेहतर इलाज दे सके।  

हाथों को नहीं करते साफ
नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. केके अग्रवाल  ने बताया कि आई फ्लू फैलने का सबसे बड़ा कारण जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं। किसी व्यक्ति को यदि कंजंक्टिवाइटिस हो तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया आदि का उपयोग न करें। यदि हम सावधानी रखेंगे तो इससे बचाव कर सकते हैं।  
कंजंक्टिवाइटिस के यह है प्रमुख लक्षण
आंखों के सफेद भाग का लाल होने के अलावा भी ज्यादा आंसू आना, आंखों को रगड़ने की तीव्र इच्छा, खुजली या जलन होना, आंखों से चिपचिपे पदार्थ (मवाद) का रिसाव, पलकों में पपड़ी का जमाव होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।

यह भी पढें: MP News: भोपाल में चल रहा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, सर्दियों में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल की तैयारियां