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Anti-conversion Law: धर्मांतरण विरोधी कानून देश के 10 राज्यों में लागू है। राजस्थान 12 राज्य बनने जा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार (8 मार्च) को धर्मांतरण के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान करने का ऐलान किया है।

Anti-conversion Law: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार (8 मार्च) को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर धर्मांतरण और दुराचार के मामले में फांसी की सजा का ऐलान किया है। सीएम ने कहा,  जबरन धर्मांतरण कराकर से दुराचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। एमपी में ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा दी जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो धर्मांतरण के मुद्दे में फांसे देने वाला मप्र देश का पहला राज्य बनेगा।  

धर्मांतरण विरोधी कानून मध्य प्रदेश के अलावा 10 राज्यों में लागू है। राजस्थान विधानसभा ने हाल ही में इसके लिए प्रस्ताव पारित किया है। मध्य प्रदेश में धर्मांतरण के मामले में अभी अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन फांसी की सजा का प्रावधान लागू करना आसान नहीं है। कानूनी विशेषज्ञों ने बताया कि मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम-2021 लागू है। सरकार को पहले इसमें संशोधन करना होगा। 

धर्मांतरण रोकने राज्यवार कानूनी प्रावधान  

  • उत्तर प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 लागू है। इसके तहत यदि यदि कोई व्यक्ति बलात्कारी, प्रलोभन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण करता है, तो उसके खिलाफ 1 से 5 साल तक की सजा और 15,000 तक के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही विवाह के माध्यम से धर्मांतरण कराने पर 10 साल तक की सजा और 50,000 तक जुर्माना हो सकता है। धर्मांतरण नाबालिग या महिला से कराने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।  
  • मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 लागू है। इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति अवैध धर्मांतरण करता है तो उसे 1 से 10 साल तक की सजा और 25,000 तक जुर्माना हो सकता है। विवाह द्वारा धर्मांतरण कराना भी अपराध है। इसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 
  • उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 के तहत यदि जबरन धर्मांतरण कराने पर  सजा और जुर्माने का प्रावधान है। विवाह के माध्यम से किसी नाबालिग और महिला का धर्मांतरण और कठोर माना गया है। इसमें सजा बढ़ सकती है।  
  • हिमाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2019 के तहत अवैध धर्मांतरण कराने पर 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। धर्मांतरण विवाह के माध्यम से किया गया है तो सजा और जुर्माना दोनों बढ़ सकते हैं। 
  • गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के अनुसार बिना अनुमति कोई व्यक्ति धर्म नहीं बदल सकता। बिना अनुमति धर्मांतरण कराने पर 5 साल की सजा और 50,000 रुपए के जुर्माना का प्रावधान है। धर्मांतरण बलात्कार और धोखाधड़ी के बाद किया गया हो तो सजा और जुर्माना दोनों बढ़ सकते हैं। 
  • राजस्थान धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2006 के तहत बिना अनुमति धर्मांतरण कराने पर 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। विवाह और बलात्कार के साथ धर्मांतरण कराने पर सजा और जुर्माना दोनों बढ़ सकते हैं।  
  • ओडिशा धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1967 के तहत कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ 3 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।

11 राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून 
भारत के 11 राज्यों में अभी धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और शामिल है, लेकिन फांसी का प्रावधान कहीं नहीं है। उत्तर प्रदेश में अभी उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।  

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