Bageshwar Dham marriage ceremony: मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम में बुधवार (25 फरवरी) को सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ। इसमें 9 राज्यों की 251 कन्याओं ने वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया। सभी ने एक साथ शादी की रस्में पूरी की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सीएम मोहन यादव सहित अन्य हस्तियां उनके इस पवित्र समारोह के साक्षी बनीं। साथ ही नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बागेश्वर धाम में 4 घंटे रुकीं। सुबह 11:05 बजे विशेष विमान से वह खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचीं। 11:35 बजे गढ़ा हेलिपैड पर उतरीं। दोपहर 12 बजे बालाजी के दर्शन किया। 12:30  बजे कन्या विवाह महोत्सव में शामिल हुईं। 1 से 2:30 बजे तक ग्रीन रूम में आराम किया। 2:35 बजे गढ़ा हेलिपैड के लिए रवाना होकर 3:10 बजे खजुराहो एयरपोर्ट से वड़ोदरा रवाना हुईं। महोत्सव में साधु-संत, नेता, मंत्री, फिल्मी सितारे, खिलाड़ी सहित कई हस्तियां शामिल मौजूद रहीं। इस दौरान महोत्सव में 20 लाख लोगों के लिए भोजन व्यवस्था की गई है।

ये हस्तियां भी समारोह में पहुंचेंगी
समारोह में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज, गोरीलाल कुंज वाले स्वामी किशोरदाज महाराज, इंद्रेश उपाध्याय, पुण्डरीक गोस्वामी, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, गायक सोनू निगम, क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, रॉबिन उथप्पा, आरपी सिंह और अभिनेता पुनीत वशिष्ठ भी मौजूद रहेंगे। WWE पहलवान द ग्रेट खली भी बागेश्वर धाम पहुंचे। 

20 लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था 
महोत्सव में विशाल भंडारे की व्यवस्था की गई थी। 20 लाख लोगों को भोजन परोसा गया। बूंदी, रायता, जलेबी, मालपुआ, पुलाव और अन्य लोकप्रिय भारतीय पकवान सहित अन्य पकवान बनाए गए। 
नवविवाहित जोड़े को गिफ्ट में ढाई लाख के घरेलू उपयोग का सामान दिया गया। डबल बेड, सोफा, आटा चक्की, अलमारी, ड्रेसिंग समेत घरेलू उपयोग के 56 आइटम शामिल हैं।

251 घोड़ों पर सवार होकर पहुंचे दूल्हे 
मध्यप्रदेश की 209 के अलावा, यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की 42 कन्याओं का विवाह हुआ। इनमें 108 आदिवासी, 70 दलित, 57 ओबीसी और 16 सामान्य वर्ग की बेटियां शामिल हैं। सड़क के एक तरफ जयमाला और दूसरी तरफ मंडप बनाए गए थे। 251 घोड़ों पर सवार होकर दूल्हों ने बारात निकाली। बालाजी मंदिर के पास से बारात पंडाल में पहुंची। सबके लिए अलग-अलग मंडप बनाए गए थे। वरमाला की रस्म मुख्य स्टेज पर हुई।