VD Sharma and Digvijay Singh: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दिग्विजय के इस फैसले से समर्थक खुश हैं। राजगढ़ में जैसे ही उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया, कार्यकर्ता ताली बजाकर जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इससे पहले दिग्विजय ने भोपाल में प्रेस कान्फ्रेंस कर इलेक्ट्रोल बांड, धार भोजशला के ASI सर्वे और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा। दिग्विजय के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, भोजशाला में एएसआई सर्वे हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा है। सामाजिक संस्था ने याचिका लगाई थी। दिग्विजय सिंह बिना जानकारी के इस पर आपत्ति कर रहे हैं। धार्मिक भेदभाव का आरोप न्यायालय की अवमानना है। उन पर FIR होनी चाहिए। दिग्विजय सिंह को तुष्टीकरण पर विश्वास है और वह सदैव हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं पर आघात पहुंचाते रहे हैं।
काले धन को बढ़ावा दे रहे विपक्षी नेता
वीडी शर्मा ने बताया, 2023 में भाजपा को 97 प्रतिशत राशि चुनावी बॉन्ड से मिली है। सिर्फ 3 प्रतिशत राशि नकद मिली है। विपक्षी नेता राजनीतिक चंदा नकद में लेकर काले धन को बढ़ावा देते हैं। भ्रष्ट कार्यशैली के चलते वह 1100 रुपए चंदे के नाम पर लेते थे और 100 रुपए पार्टी फंड में जमा करते थे। बचा हुआ रुपया स्विस बैंक में जमा कराते थे। इस काले धन को रोकने भाजपा इलेक्टोरल बांड लाई है।
वीडी शर्मा ने और क्या कहा..
- वीडी शर्मा ने कहा, कांग्रेसियों को न तो प्रभु राम पर विश्वास है न संविधान और न्यायपालिका पर। दिग्विजय सिंह अप्रसांगिक हो गए हैं। वह अपना अस्तित्व खो चुके हैं। राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकरा दिया और अब भोजशाला पर तुष्टिकरण की रोटियां सेक रहे हैं। दिग्विजय करारी हार से पहले जानबूझकर विषवमन कर रहे हैं, ताकि सामाजिक विद्वेष और तनाव पैदा कर राजनीतिक लाभ ले सकें।
- देश-प्रदेश में जब भी चुनाव होते हैं, कांग्रेस हार के डर से EVM, जांच एजेंसी और न्यायालय पर सवाल खड़ा करती है। केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा, आंतकवादियों का समर्थन, देश विरोधियों का साथ देना कांग्रेस और दिग्विजय सिंह का मूल चरित्र रहा है। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए दिग्विजय भोजशाला को मुद्दा बनाना चाहते हैं।
- विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय राजनीति में काले धन का वर्चस्व समाप्त करने लाया गया था। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हम सम्मान करते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड पारदर्शी दान, कांग्रेस इसे वसूली कहती है। लेकिन यह समझना होगा कि 20 हजार करोड़ के चुनावी बॉन्ड में से भाजपा को 303 सांसद होने के बाद भी 6 हजार करोड़ ही मिले हैं। कांग्रेस सहित इंडी गठबंधन के 242 सांसद होने के बाद भी 14 हजार करोड़ के बॉन्ड से मिले हैं।
- विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, तुष्टिकरण की नीति से कांग्रेस ने जो राजनीतिक जमीन तैयार की थी, वह दरकने लगी है। जनता ही नहीं उनके नेताओं का ही कांग्रेस से मोहभंग होने लगा है। हर दिन बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं। मुस्लिम वर्ग के नेता और कार्यकर्ता भी शामिल हैं।