fine on bread company: ब्रेड निर्माता कंपनी को आमजन की सेहत खिलवाड़ भारी पड़ गया। एक उपभोक्ता की शिकायत पर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ आदेश पारित करे हुए 10 हजार रुपए परिवाद व्यय और एक लाख जुर्माना लगाए जाने का आदेश दिया है। यह राशि तीन महीने के अंदर मय ब्याज के भुगतान करनी है।
इंदौर में सात साल पहले ब्रेड के पैकेट में मरी छिपकली निकलने का मामला सामने आया था। जिस पर मीनाक्षी अग्रवाल ने मॉर्डन ब्रेड निर्माता कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग ने सुनवाई के बाद माना कि ब्रेड पैकिंग करते समय छिपकली भी पैक की गई थाी। ब्रेड कंपनी को पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन उसकी ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए। जिस पर आयोग ने सजा जुर्माने का फैसला सुनाया है। आयोग के अध्यक्ष बलराज कुमार पालोदा व सदस्य निधि बारंगे ने तीन माह के अंदर जुर्माने की राशि में 2015 से छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज और 10 हजार रुपए परिवाद व्यय जोड़कर भुगतान करने का आदेश दिया है।
SDM न्यायालय में भी की थी शिकायत
परिवादी के वकील सुरेश कांगा ने बताया कि मीनाक्षी ने 28 नवंबर 2015 को राऊ इंडस्ट्रीयल एरिया की दुकान से ब्रेड खरीदी। पैकेट खोला तो ब्रेड के साथ मरी हुई छिपकली भी निकली। मीनाक्षी ने तुरंत शिकायत करने पहुंची। दुकानदार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिस पर उन्होंने एसडीएम कार्यालय में शिकायत की। कार्रवाई नहीं हुई तो परिवादी ने आयोग में याचिका लगाई।