(सचिन सिंह बैस) भोपाल। मौसम में हुए बदलाव का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा है। सुबह-शाम ठंड का असर, ठंडी हवाएं, बादल छाए रहने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, वायरल इंफेक्शन के मरीज बढ़ गए हैं। जेपी, एम्स, हमीदिया हो या फिर निजी अस्पताल की ओपीडी फुल है। एक सप्ताह पहले जहां ओपीडी में 20 से 30 प्रतिशत लोग इलाज के लिए आ रहे थे, लेकिन अब मौसम में बदलाव के कारण मरीजों की संख्या ओपीडी में 60 से 70 प्रतिशत बढ़ गई है। ओपीडी में पहुंचने वाला हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति सर्दी-जुकाम, खांसी, उल्टी के साथ-साथ पेट दर्द, बुखार का आ रहा है।

खास बात यह है कि कई मामले तो ऐसे भी आए हैं, जिसमें पूरा का पूरा परिवार वायरल इंफेक्शन की चपेट में आ गया। शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो इन दिनों यहां रोजाना औसतन 1200 से 1500 तक नए मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि वायरल इंफेक्शन होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में दिखाएं, खुद ही मेडिकल स्टोर से दवा लेकर इलाज ना करें।

वायरस इस मौसम में देर तक रहता है एक्टिव
वायरल इंफेक्शन के केसों में इजाफा होने वजह हवा में नमी का बना होना है। इस मौसम में वायरस ज्यादा देर तक एक्टिव रहता है। इस वजह से वायरल इंफेक्शन के केस बढ़ रहे हैं। वायरल इंफेक्शन तीन से सात दिन तक रह सकता है। वायरल इंफेक्शन में शरीर में दर्द, सिर दर्द, बुखार, सर्दी-जुकाम और खांसी भी हो सकती है।
डॉ लोकेंद्र दवे, श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ, हमीदिया अस्पताल

जीएमसी डीन डॉ कविता एन सिंह से बातचीत
प्रश्न: कोरोना के मरीजों में कमी आई है, लेकिन सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीज बढ़े हैं, क्या वजह है?।
उत्तर: सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीज बढ़ने के पीछे वायरल इंफेक्शन है, जो इन दिनों तेजी से फेल रहा है।
प्रश्न: वैक्सीनेशन के बाद भी वायरल हो रहा है तो क्या लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो गई है?।
उत्तर: ये मौसमी बीमारी है, किसी को भी हो सकती है। इससे वैक्सीनेशन का कोई लेना-देना नहीं है।
प्रश्न: पिछले साल वायरल इंफेक्शन के केस कम थे, इस बार अचानक से बढ़े हैं, कारण क्या?।
उत्तर: पहले लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे थे। आउटडोर एक्टिविटी कम हो रही थी। 99 फीसदी लोग न तो मास्क लगा रहे हैं और न कोविड गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। इसलिए वायरल इंफेक्शन तेजी से बढ़ रहा है।

हमीदिया अस्ताल में आने वाले मरीजों की संख्या
मेडिसिन व जनरल मेडिसिन-382
इमरजेंसी-274
दंत रोग-48
नाक-कान-गला-55
सर्जरी विभाग-72
होम्यापैथिक- 2
स्त्री रोग विभाग-64
नेत्र रोग विभाग-68
अस्थिरोग विभाग-124
शिशु रोग विभाग-110
मनोचिकित्सक विभाग-5

मॉडल अस्पताल जेपी का हाल: 15 बेड पर 27 बच्चे भर्ती
बच्चों की बीमारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मॉडल अस्पताल जेपी के बच्चा वार्ड में कुल बेड की संख्या 15 हैं, लेकिन यहां भर्ती बच्चों की संख्या 30 है। छह दिन में जेपी अस्पताल में करीब 440 बच्चे अस्पताल ओपीडी में पहुंचे। गुरूवार को दोपहर तक ओपीडी में 66 बच्चे इलाज के लिए पहुंचे थे।

बाजार की बजाए घर का भोजन दें
मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में वायरल फीवर तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों को बाजार का कुछ भी खाने नहीं दे। घर पर ही ताजा भोजन दें। अधिक मात्रा में पानी का उपयोग करें। पैकेटबंद चीजों का उपयोग भी बंद करें, इससे गैसस्टिक होने की संभावना ज्यादा होती है।
डॉ जेके अग्रवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ