World Tourism Day: एमपी अजब है, सबसे गजब है... मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की यह टैग लाइन लगभग हर किसी के जेहन में रची-बसी है। भारत का दिल (Heart of India) कहे जाने वाले एमपी में पचमढ़ी, मांडू बांधवगढ़ और खजुराहो जैसे ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं। उज्जैन, ओंकारेश्वर, ओरछा और चित्रकूट जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं। यहां रोजाना हजारों की संख्या में धर्म प्रेमी पहुंचते हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबकि, हर साल लगभग 11 करोड़ 21 लाख पर्यटक देश-दुनिया से मध्य प्रदेश की खूबसूरती देखने आते हैं। इनमें 2 लाख विदेशी पर्यटक शामिल हैं। आइए विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) पर जानते हैं मध्य प्रदेश के 10 प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट की खासियत...।
मध्य प्रदेश के 10 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (10 famous tourist places of Madhya Pradesh)
मांडू (mandu )
यह पर्वत की चोटी पर स्थित है और यह खूबसूरत जगह पठार से घिरी हुई है। मांडू अपने जगमगाते तालाब और क्रिस्टल झीलों के लिए प्रसिद्ध है। वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को 20 से 30 हजार पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। मांडू पर्यटकों के घुमने के लिए एक अच्छा स्थान है। जिनमें रानी रूपमती का महल, हिंडोल महल, जहाज महल प्रमुख हैं। इसी के साथ ही मांडू को 'मांडवगढ़ जैन तीर्थ' के नाम से भी जाना जाता है। यहां नए साल पर दूर दूर से लोग आते हैं और यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य का आंनद लेते हैं।
कैसे पहुंचे ?: इंदौर से 99 किमी दूर एयरपोर्ट है। जिसकी नियमित उड़ानें इंदौर को दिल्ली, मुंबई, ग्वालियर और भोपाल से जोड़ती हैं। ट्रेंन से जाने के लिए रतलाम सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। लगभग सभी ट्रेनें इस स्टेशन पर रुकती हैं। नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
खजुराहो (Khajuraho)
यह मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। खजुराहो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों का निर्माण मध्य भारत में चंदेला राजाओं के शासनकाल के दौरान किया गया था। यह स्थान अपनी अनूठी मंदिर वास्तुकला और मंदिरों पर एरोटिक नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 950 ई. से 1050 ई. में किया गया था। यहां का कंदरिया महादेव मंदिर दीवारों पर आकर्षक वास्तुकला के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। खजुराहो में घूमने लायक 25 जगहें है। जहां आप बिना किसी परेशानी के जा सकते है, क्योंकि ये एक-दूसरे के करीब स्थित हैं।
कैसे पहुंचें?: दिल्ली और वाराणसी से नियमित उड़ानें संचालित होती हैं। ट्रेन, बस और टैक्सी के माध्यम से भी खजुराहो आसानी से पहुंचा जा सकता है।
ग्वालियर (Gwalior)
मध्य प्रदेश में जीवन से भरा एक जीवंत शहर ग्वालियर है। इस शहर में कई राजवंशों के शासन किया है और अपने गीतों और लेखन के माध्यम से इस स्थान की प्रसिद्धि बढ़ाने के लिए कलाकारों और संगीतकारों को संरक्षण भी दिया है। शहर में मौजूद भव्य महल, कलात्मक स्मारक और मंदिर शामिल हैं। जिसे सूर्य मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, इसका निर्माण 1988 में हुआ था। इस मंदिर के लाल बलुआ पत्थर से बने बाहरी हिस्से इसे सुबह और सूर्यास्त के समय पर्यटकों का फोटोग्राफी के लिए अच्छा स्थान है।
कैसे पहुंचें? बाय एयर दिल्ली, मुंबई, इंदौर और भोपाल जैसे शहरों के लिए नियमित उड़ानें हैं। ट्रेन, बस और टैक्सी के माध्यम से भी ग्वालियर आसानी से पहुंचा जा सकता है। 2023 से यहां लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। पिछले 5 साल की बात करें तो जनवरी माह में 5 हजार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
उज्जैन (ujjain)
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर भक्तो के लिए प्रमुख आकर्षण है। यह एक पुराना मंदिर है जिसमें 12 महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर के अलावा, पर्यटक शहर के अन्य पर्यटक आकर्षणों जैसे भर्तृहरि गुफाएँ, बड़े गणेशजी का मंदिर, विक्रम कीर्ति मंदिर, चिंतामन गणेश, कालियादेह पैलेस, काल भैरव और दुर्गादास की छतरी भी देख सकते हैं।
कैसे पहुंचें? हवाई जहाज से देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर 53 किमी। रेल से उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन का एक रेलवे स्टेशन है। नियमित बस सेवाएं भी उपलब्ध है। बता दे कि पिछले 5 सालों की तुलना में पर्यटकों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। साल 2024 के इन 41 दिनों में पर्यटकों की सख्यां 1 करोड़ 20 लाख है।
ओरछा (orchha)
यह ऐतिहासिक अतीत की निशानी माने जाने वाला विशेष पर्यटकों स्थल है। ओरछा ग्वालियर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह इसे 16वीं शताब्दी में वंश के एक सरदार 'रुद्र प्रताप' ने विकसित किया था। यह बुंदेला राजपूतों के वास्तुशिल्प डिजाइनों को दर्शाता है। यहां का राज महल, जहांगीर महल और राम राजा मंदिर मध्य प्रदेश के सबसे अच्छे पर्यटक आकर्षणों में से हैं। बता दे कि पिछले 5 सालों में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। विदेशी पर्यटकों की संख्या वर्ष 2020-2021 के मुकाबले लगभग दोगुना बढ़ोत्तरी हो गई। कोरोना काल में देशी पर्यटक तो बड़ी संख्या में आए लेकिन प्रतिबंध के चलते विदेशी की संख्या कम थी लेकिन अब ओरछा घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
कैसे पहुंचें? किसी भी परिवहन के माध्यम से ओरछा पहुँच सकते हैं। चाहे वह रेल हो, सड़क हो या हवाई मार्ग। फिर भी ओरछा पहुँचने का सबसे अच्छा साधन रेलवे है क्योंकि इसकी कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है।
पचमढ़ी (pachmarhi)
मध्य प्रदेश का सवसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। जिसमें सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, श्री पंच पांडव गुफाएं, अप्सरा विहार, बाइसन लॉज संग्रहालय और पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व शामिल हैं। पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी के नाम से जाना जाता है। और यह सतपुड़ा रेंज की एक घाटी में 1067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। प्राचीन बौद्ध युग की गुफाओं के साथ शांत झरनों के साथ एक खजाना होने के कारण, यह स्थान यात्रा के लिए बहुत सारे अवसर प्रदान करता है। और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक बन जाता है। पर्यटकों की संख्या आंकड़ो पर नजर डालें तो साल 2011-12 से 2015-16 में ही सबसे ज्यादा 582 सैलानी पचमढ़ी आए थे। इससे आगे आंकड़ा नहीं बढ़ा। हर साल 400 से 500 ही विदेशी सैलानी आते हैं। जबकि देशी सैलानियों की आवक 2.50 लाख के आसपास सालाना है।
कैसे पहुंचें? भोपाल से पचमढ़ी की दूरी लगभग 204 किमी है जहां से नियमित बसें चलती हैं। जबलपुर पर स्थित पिपरिया रेलवे स्टेशन है। पचमढ़ी रेल और वायुमार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। किसी भी माध्यम से यहाँ सरलता से पहुँचा जा सकता है।
सांची (sanchi)
मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले के सांची शहर में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित। सांची राज्य में घूमने के लिए एक अद्भुत जगह है। इस जगह में कई स्तूप और मठ हैं। यह बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए एक उल्लेखनीय जगह बन गई है। आप यहाँ कई स्तूप, चैत्य, मंदिर और मठ पा सकते हैं जो धार्मिक अनुयायियों के लिए एक यादगार तीर्थ यात्रा सुनिश्चित करते हैं।
कैसे पहुंचें? सांची का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन विदिशा रेलवे स्टेशन है, जो करीब 10 किमी दूर है। विदिशा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या ऑटो-रिक्शा लेकर सांची पहुँच सकते हैं।
पन्ना (panna)
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। और सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक है। इस जगह पर अच्छी तरह से बनाए रखा गया वन्यजीव है और यह रॉयल बंगाल टाइगर्स को आश्रय प्रदान करता है। 542.67 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। यह राष्ट्रीय उद्यान तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा, सुस्त भालू, चीतल और विभिन्न जानवरों जैसी प्रजातियों का घर है। इस पार्क में पक्षियों की 200 प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। राष्ट्रीय उद्यान का स्थान एक संपत्ति है, जो खजुराहो के प्रमुख शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यहां 5 सालों में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। लगभग 35000 पर्यटकों प्रतिवर्ष आते है। यहां जुलाई से अब तक एक लाख के करीब पर्यटकों ने पन्ना टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया है।
कैसे पहुंचें? पन्ना पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका खजुराहो हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरना है जो राष्ट्रीय उद्यान से केवल 26 किमी दूर है। हवाई अड्डे से टैक्सी लेकर पन्ना पहुँचा जा सकता है।
भोपाल (bhopal)
मध्य प्रदेश की आकर्षक राजधानी भोपाल झीलों का शहर है। क्योंकि इसके बीच में दो शानदार झीलें हैं। इसमें एशिया की सबसे बड़ी झील है बड़ा तालाब, धीरे-धीरे ढलान वाली पहाड़ियों पर बसा भोपाल भारत के सबसे लोकप्रिय शहरों और पर्यटन स्थलों में से एक है। भोपाल के पुराने शहर में भरे हुए बाज़ार, खूबसूरत महल, संकरी गलियां, खूबसूरत मस्जिदें और पुरानी हवेलियाँ हैं। जबकि रणनीतिक रूप से नियोजित नए शहर में चौड़े रास्त है। यहां दूर दूर से पर्यटक आते है। यहां का प्राकृतिक छटा का आंनद उठाते है। पिछले 5 सालों में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। मप्र टूरिज्म बोर्ड ने साल 2023 के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके अनुसार मध्य प्रदेश में 11 करोड़ 21 लाख पर्यटक पहुंचे। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या एक लाख 83 हजार रही। पिछले साल 2022 में पर्यटकों की संख्या तीन करोड़ 41 लाख 38 हजार 757 संख्या रही थी। इससे पहले 2019 में कोविड प्रतिबंध लागू होने से पहले कुल आठ करोड़ 90 लाख 35 हजार 97 पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे थे।
इंदौर (indore)
मध्य प्रदेश के सबसे समृद्ध शहर इंदौर व उसके आसपास कई पर्यटन स्थल हैं। यहां का 7 मंजिला राजवाड़ा पैलेस और 19वीं शताब्दी में बना होलकर राजवंश के लाल बाग पैलेस भी अपने आप में खास है। शहर की सभी संरचनाएँ भव्यता को दर्शाती हैं, जो इसे मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाती हैं। शहर के स्थापत्य चमत्कार ऐतिहासिक समय के कारीगरों की कुशलता के प्रमाण के रूप में खड़े हैं। इंदौर अपनी कांच की चूड़ियों और आभूषणों के लिए भी प्रसिद्ध है। साल 2019-20 में 15.17 लाख, 2020-21, 5.9 लाख 2021-22 में 12.15 लाख, 2022-23 में 18.67 लाख और 2023-24 में 17.93 लाख पर्यटक यहां आए हैं।
कैसे पहुंचें? इंदौर के लिए दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बैंगलोर जैसे महानगरों से हवाई सेवा उपलब्ध हैं। ट्रेन से आप इंदौर पहुंच सकते हैं।