भोपाल (मधुरिमा राजपाल)। फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग्स के लिए भले ही मध्यप्रदेश बॉलीवुड की पहली पसंद रहा हो और प्रदेश को 68वें राष्ट्रीय फिल्म फियेर अवार्ड में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवॉर्ड 2023 भी मिल चुका हो, बावजूद इसके भोपाल में शूटिंग का ट्रेंड पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। पहले भोपाल में कई फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग का ट्रेंड देखा जाता था। जगह-जगह स्टार कास्ट के क्रू मेंबर्स और बड़े-बड़े कैमरे से शूटिंग देखी जाती थी। वहीं अब बड़े प्रोडक्शन हाउस भोपाल से खफा नजर आते हैं। इससे भोपाल में फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग में काफी कमी आई है।
हरिभूमि ने शहर के जाने माने लोकल लाइन प्रोडयूसर्स से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पहले जहां कई फिल्मों और वेब सीरीज में भोपाल की खास लोकेशंस नजर आती थीं। वहीं अब मुंबई के प्रोडक्शन हाउसेस ने भोपाल के अलावा प्रदेश की दूसरी नई लोकेशंस पर शूटिंग करने को प्राथमिकता दी है। इसकी एक वजह भोपाल की कई लोकेशंस का रिपिटेशन हैं। इसके साथ ही नए लाइन प्रोडयूसर्स के मिस मैनेजमेंट की वजह से भी भोपाल में शूटिंग का ट्रेंड कम हुआ है।
भोपाल में इन वेब सीरीज और फिल्मों की शूटिंग के दौरान हुआ विवाद
बॉबी देओल अभिनीत वेब सीरीज आश्रम 3 दो साल पहले निर्देशक प्रकाश झा और बॉबी देओल अभिनीत वेब सीरीज ‘आश्रम 3’ की शूटिंग के दौरान जमकर बवाल मचा और प्रोडक्शन हाउस ने कई महीने चलने वाले अपने शेडयूल को कुछ दिनों में समेट दिया था।
उर्वशी रौतेला की फिल्म जेएनयू
वहीं जुलाई 2023 में उर्वशी रौतेला की फिल्म ‘जेएनयू’ की शूटिंग भी भोपाल में होनी थी, लेकिन यह फिल्म भी प्रोडक्शन हाउस के मिस मैनेजमेंट की वजह से भोपाल में शूट नहीं हो पाई।
अक्षय कुमार अभिनीत सेल्फी फिल्म विवाद
इसके अलावा अक्षय कुमार अभिनीत ‘सेल्फी’ फिल्म की शूटिंग भी भोपाल में हुई, लेकिन फिल्म में लोकल स्टार कास्ट का पैमेंट को लेकर विवाद हुआ। उनका कहना था कि उन्हें पूरा पैमेंट नहीं दिया गया।
गांधी वर्सेस गोडसे की शूटिंग के दौरान भी विवाद
भोपाल में गांधी वर्सेस गोडसे की शूटिंग के दौरान भी विवाद हुआ और वेब सीरीज की शूटिंग कर रहे क्रू पर पुलिस ने डंडे चलाए। जिसकी वजह शूटिंग के लिए प्रशासन की इजाजत भी न लेना था।
क्या कहते हैं प्रोड्यूसर्स
लोकल प्रोडक्शन टीम का मिस मैनेजमेंट भी एक वजह
भोपाल में करीब 7-8 वेब सीरीज और 40-50 सीरियल के साथ 5 बड़ी फिल्मों में लोकल लाइन प्रोडक्शन देखने वाले वसीम अली का कहना है कि पिछले कई सालों की तुलना में इस साल भोपाल में शूटिंग का क्रेज कम हुआ है, क्योंकि अब लोग इंदौर, ग्वालियर, चंदेरी, ओरछा, जबलपुर जैसी लोकेशन पर जाकर शूटिंग करना पसंद कर रहे हैं।
भोपाल में शूटिंग कम होने का एक कारण लोकेशन की रिपीटेशन है, क्योंकि भोपाल में कुछ चुनिंदा जगह हैं जैसे बोट क्लब, ओल्ड भोपाल की कई लोकेशन, गौहर महल या सावरकर सेतु तो यह सभी लोकेशंस कई फिल्मों और कई वेब सीरीज में दिखाई जा चुकी हैं। दूसरा एक कारण कई छोटे-छोटे लोकल प्रोडक्शन टीम का मुंबई प्रोडक्शन हाउसेस की रिक्वायरमेंट फुलफिल न कर पाना भी हैं।
खराब मैनेजमेंट की वजह से बड़े प्रोडक्शन हाउसों ने यहां शूटिंग से तौबा कर ली है, क्योंकि यह छोटे लाइन प्रोडक्शन कई बार टयूरिज्म बोर्ड शूटिंग की परमिशन नहीं लेते और मुंबई टीम को यहां शूटिंग करने की हामी भर देते हैं।
बड़े प्रोडक्शन हाउसेस द्वारा नई लोकेशंस की डिमांड करना
भोपाल में कई अरसे से लोकल लाइन प्रोडक्शन का काम देखने वाले हर्ष दवे का कहना है कि भोपाल में सबसे बड़ा कारण है लोकेशन का रिपीटेशन और इसके अलावा हमारे शहर में कई ऐसे भी लोकल लाइन प्रोड्यूसर हैं जो किसी प्रोडक्शन हाउस में छोटा सा काम कर रहे हैं और लाइन प्रोडक्शन के क्षेत्र में एकाएक आ जाते हैं और तब वह प्रोडक्शन से जुड़ी हुई कई चीजों को मैनेज नहीं कर पाते जिस वजह से बिग बजट की फिल्मों और वेब सीरीज यहां से कुछ दिनों में ही पैकअप कर लेती है।
हर्ष ने कहा कि पिछले कुछ महीनो में इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर के अलावा राजस्थान और गुजरात बॉर्डर पर भी कई प्रोजेक्ट शूट करवाए हैं। यहां आने वाले बड़े प्रोडक्शन हाउसेस की यही डिमांड है कि उन्हें कुछ नई लोकेशंस चाहिए।