आनंद सक्सेना, भोपाल: उत्तरप्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे के बाद मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भले ही अलर्ट हो गया है। लेकिन सरकारी अस्पतालो में आज भी फायर सिस्टम अलर्ट नहीं है। जबकि बड़े निजी अस्पतालो में फायर सिस्टम अपडेट होने के बाद वहां पंप हाउस भी बने हुए हैं।
यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। वहीं पूरे शहर का सर्वे करने के बाद नगर निगम फायर ब्रिगेड ने पिछले तीन माह में भवनों व अस्पतालों को फायर सिस्टम काम न करने पर तीन सौ नोटिस जारी किए हैं। इस घटना के बाद तीन सौ नोटिस और जारी किए जा रहे हैं।
सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी
नगर निगम फायर ब्रिगेड के नए प्रभारी सौरभ कुमार पटेल ने हरिभूमि से खास बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे भोपाल में बहुमंजिला इमारतों के अलावा अस्पतालों का सर्वे लगातार किया जा रहा है। झांसी की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निजी और सरकारी अस्पतालों को फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए है।
प्रशिक्षित स्टाफ की कमी
हालांकि यह निर्देश अभी निगम के पास नहीं आए हैं। इसके पहले ही यहां के सभी अस्पतालों का सर्वे किया गया है। बड़े सरकारी अस्पतालो में पानी का लगातार संचालन या स्प्रिंगलर सिस्टम न होने के कारण उन्हें इसकी व्यवस्था करने को कहा है। जबकि बड़े निजी अस्पतालो में पंप हाइस व पानी का लगातार संचालन होने के बाद भी प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है।
फायर ब्रिगेड समय-समय पर करता है जांच
इसको लेकर भी नोटिस दिए जा रहे हैं। जबकि अधिकतर अस्पतालों ने पानी की बर्बादी का कहकर सिस्टम को बंद करके रखा है। जबकि छोटे अस्पतालो में फायर सिस्टम नहीं पाए गए, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। सौरभ पटेल के अनुसार फायर ब्रिगेड एसडीएम के साथ समय-समय पर जांच करता है।