भोपाल। लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले मध्यप्रदेश में बगावत का दौर जारी है। शनिवार को कांग्रेस को फिर झटका लगा। आलोट विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज चावला ने भाजपा का दामन थाम लिया। रतलाम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चावला को सदस्यता दिलाई। इससे पहले चावला ने MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजे इस्तीफे में व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। मनोज के साथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रमोद गुगालिया ने भी मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली है। 

खाद लूट कांड में मुख्य आरोपी हैं चावला 
बता दें, पूर्व विधायक मनोज चावला खाद लूट कांड में मुख्य आरोपी हैं। चावला के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट इंदौर में मामला चल रहा है। दरअसल, यूरिया संकट के बीच 10 नवंबर 2022 को आलोट के नकद बिक्री केंद्र (सरकारी गोदाम) पर सर्वर डाउन होने के कारण पीओएस मशीन बंद थी। किसानों को खाद वितरण नहीं हो पा रहा था। तब तत्कालीन विधायक चावला और पूर्व जिला कांग्रेस योगेंद्र सिंह जादौन समेत कुछ नेता गोदाम पहुंचे। उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई। इस दौरान चावला ने गोदाम का शटर उठाकर किसानों को खाद निकालने का बोला तो कई किसान बिना एंट्री किए खाद ले गए। मामले में चावला और जादौन पर लूट, डकैती और शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज किया था। 

अब तक 17 हजार से ज्यादा नेता भाजपा में शामिल 
बता दें कि कांग्रेस के नेता लगातार पार्टी का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं। बता दें अब तक कांग्रेस के 17 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। एक दिन पहले शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के कजिन बलराम पटेल ने भाजपा की सदस्यता ली थी। बलराम इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष थे। भाजपा में शामिल होने के बाद बलराम ने कहा था कि जब से राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण कांग्रेस ने ठुकराया है, तभी से मेरा मन नहीं लग रहा था।

कमलनाथ के करीबी दीपक ने छाेड़ी थी कांग्रेस 
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए विधायकी छोड़ने वाले पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने भी गुरुवार को कांग्रेस का हाथ छोड़ा था। कमलनाथ सरकार में प्रोमेट स्पीकर रहे दीपक सक्सेना ने अपना इस्तीफ़ा पीसीसी अध्यक्ष की बजाय कमलनाथ को लिखा था। सक्सेना ने कमलनाथ को भावुक कर देने वाला पत्र लिखा था। सक्सेना ने पत्र में लिखा था कि विशेष परिस्थितयों की चलते अब मैं यह जिम्मेदारियां संभाल पाने में असमर्थ हूं।