Sawan Somwar 2024: उज्जैन में शाम 4 बजे बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकले। बाबा महाकाल को बैलगाड़ी में विराजमान किया गया हैं। उनके साथ नंदी पर श्री उमा-महेश भी हैं। पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित किया गया हैं। हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा है। सवारी में भजन मंडली, सशस्त्र बल की टुकड़ी, घासी जनजातीय समूह के कलाकार नृत्य करते हुए चल रहे हैं।
बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में शृंगार
आज महाकाल के दर्शन पाने के लिए भक्त रविवार रात 1 बजे से ही कतारों में लगना शुरू हो गए थे। भस्म आरती के लिए रात 2.30 बजे मंदिर के पट खोल दिए गए। भस्म आरती में जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य शृंगार किया गया। भस्म आरती में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
इन रास्तों से निकली चौथी सवारी
महाकाल की चौथी सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां मां क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन हुआ। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक पर खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
ओंकारेश्वर भी नगर भ्रमण पर निकले
खंडवा के ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर को रोशनी से सजाया गया। मंगल आरती के बाद ओंकार महाराज का विशेष शृंगार किया गया। दोपहर 2 बजे ओंकारेश्वर और ममलेश्वर महाराज नगर भ्रमण पर निकले। भगवान की पंचमुखी रजत प्रतिमा पर 251 लीटर पंचामृत से अभिषेक किया गया। सवारी के दौरान तोप से गुलाब और गुलाल की वर्षा हुई।