आशीष नामदेव, भोपाल।
Google Maps
: बाइक और कार चलाने वाले अक्सर सही लोकेशन पर पहुंचने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करते है। इतना ही नहीं लोगों को मंजिल तक पहुंचाने का काम गूगल मैप करता है, लेकिन 23 नवंबर को गूगल मैप ने यूपी के बरेली-बदायूं बॉर्डर में अधूरे पुल पर कार को जाने का रास्ता बता दिया। जिससे अधूरे पुल पर से कार से गिरकर तीन लोगों की मौत हो गई है। जिसकी चर्चा पूरे देश में है कि गूगल मैप पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए।

बड़े-बड़े पत्थरों के रास्ते को गूगल मैप ने बता दिया सही, हेलमेट और सेफ्टी जैकेट के चलते बची जान
मध्य प्रदेश में तेंदूखेड़ा से बाड़ी बरेली जाने वाले शख्स को गूगल मैप ने गांवों के रास्ते से निकाल दिया। जिससे उस रास्ते पर बड़े-बड़े पत्थरों होने के कारण से बाइक चलाने वाला गिरकर सड़क हादसे का शिकार हो गया था। सूत्रों के मुताबिक उस शख्स ने बताया है कि 10-20 मीटर की सड़क पर बहुत बड़े-बड़े पत्थर थे, गूगल मैप के सहारे वो इस रास्ते से निकलने के लिए गया था। इससे उस शख्स की जान भी जा सकती थी, लेकिन वो सेफ्टी जैकेट और हेलमेट के कारण बच गया।

सेटेलाइट से जूम करके माउस से ड्रॉ किया जाता है रास्ता
बीयू यूआईटी के ईसी फस्ट सेमेस्टर स्टूडेंट तरुण कुशवाहा बताते हैं कि सेटेलाइट से जूम करके रास्ते को माउस के जरिए ड्रॉ किया जाता है। जिस कारण छोटी से गली को भी गूगल मैप रास्ता बता देता है। इस कारण इस तरह के हादसे हो रहे है, गूगल मैप को सेटलाइट के साथ कैमरे से भी मॉनिटरिंग की बहुत जरूरत है।

गूगल मैप को सेंसर पर करना होगा वर्क, 500 फीट की दूरी पर बता सके रोड की स्थिति
बीयू यूआईटी की एचओडी डॉ. पूनम सिन्हा बताती है कि अपडेट नहीं होने के कारण भी इस तरह के हादसे होते है, गूगल मैप को सेंसर पर वर्क करने की जरूरत है ताकि 500 फीट दूर पर मैप में रास्ते की स्थिति बता सके। अगर ऐसा होता तो यह हादसा नहीं होता।

जीपीएस स्पूफिंग के चलते हो सकता है हादसा, डायनेमिक अपडेट जरूरी
मैनिट में कंप्यूटर साइंस के एचओडी दीपक तोमर बताते हैं कि यह जीपीएस स्पूफिंग के कारण भी हो सकता है। जिस कारण यह हादसा हुआ हो, क्योंकि कई बार गूगल मैप अपडेट नहीं होता कुछ दिन पहले अगर कोई वहां से निकला हो और उस रास्ते का उपयोग किया गया है और बाद में उस रास्ते को बंद कर दिया गया हो तो डायनेमिक अपडेट नहीं होने से हादसा हो सकता है। इसलिए अपडेट करना जरूरी है।