MP News: मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब ड्रेस कोड का पालन कड़ाई से किया जाएगा। वर्तमान में ज्यादातर कॉलेजों में यूनिफार्म लागू है, लेकिन उसका पालन नहीं होने से विद्यार्थी कॉलेज में अपनी मनमर्जी से ड्रेस पहनकर आते हैं। अब सरकारी कॉलेजों में छात्र-छात्राएं जींस- टीशर्ट पहनकर नहीं जा सकेंगे।

कॉलेज प्रबंधन को जिम्मेदारी
छात्र-छात्राओं को अब केवल यूनीफार्म में कॉलेज जाना होगा। प्रदेश सरकार ने इसी सत्र से सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी की है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्रबंधन को यूनिफार्म चयन की जिम्मेदारी दी है। ड्रेस कोड के तहत छात्र-छात्राएं पेंट-शर्ट और छात्राएं सलवार-कुर्ता पहनकर आएंगे। शिक्षा विभाग का कहना है कि कॉलेज में यूनिफार्म होने से छात्र- छात्राओं के बीच एकरूपता और समानता की भावना पैदा होगी।

कई कॉलेजों में ड्रेस कोड है लागू
राजधानी के ज्यादातर सरकारी कॉलेजों में वर्तमान में यूनिफॉर्म लागू है, लेकिन उसका कड़ाई से पालन नहीं होने से विद्यार्थी अन्य ड्रेस में कॉलेज आते दिखते हैं। यूनिफार्म का पालन कड़ाई से होने पर सभी छात्र-छात्राएं यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। वर्तमान में शहर के नूतन कॉलेज, गीतांजलि कॉलेज, एमएलबी और शासकीय बाबूलाल गौर महाविद्यालय सहित अन्य कुछ कॉलेजों में यूनिफार्म लागू है, लेकिन कॉलेज कैंपस में कुछ विद्यार्थी ही यूनीफार्म में दिखाई देते हैं।

कॉलेज प्रबंधन तय करेगा यूनिफार्म का रंग
सरकारी कॉलेजों की यूनीफार्म एक जैसी न होकर अलग अलग हो, इसके लिए विभाग ने यूनिफार्म का रंठा तय करने का फैसला जनभागीदारी समिति और कॉलेज प्रबंधन पर छोड़ दिया है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि ड्रेस कोड लागू करने पर विचार किया गया है।

बाहरी युवाओं की पहचान
ड्रेस कोड लागू करने के पीछे विभाग का सोचना है कि वर्तमान में सरकारी कॉलेजों में बाहरी और असामाजिक तत्व भी आ जाते हैं. जिन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू होने के बाद बाहरी व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी।