MP News: मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट बनाने की नींव रखने वाले प्रदेश का 100 अवस्था निधन 1984 में पीसीसीएफ पद से रिटायर हुए जगत ज्योति दत्ता (जेजे) ने वन और वन्य प्राणियों की बेहतरी की ऐसी ज्योति जगाई कि मप्र आज भी वन संपदा से लबरेज है। लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित दत्ता की कई विशेषताएं थी। उनके निधन पर वन विभाग के अफसरों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अद्वितीय योगदान के लिए पुरस्कार
दत्ता को राज्य और देश के वन्यजीव संरक्षण और अनुसंधान में उनके असाधारण और अद्वितीय योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्होंने एक मजबूत वन्यजीव शाखा बनाने, एक समर्पित और प्रशिक्षित कार्यबल के साथ और राज्य के विभिन्न जैव-भौगोलिक क्षेत्रों में समृद्ध और विविध संरक्षित क्षेत्रों का एक नेटवर्क बनाने में अपने दृष्टिकोण के साथ दृढ़ता से काम किया।
जबलपुर में राज्य वन अनुसंधान संस्थान की स्थापना
जेजे दत्ता के वैज्ञानिक स्वभाव ने राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर की स्थापना की। वन्यजीव संरक्षण के लिए लोगों के उनकी अनुकरणीय जन सहभागिता आधारित संरक्षण की रणनीति को भारत सरकार ने अन्य राज्यों से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया था। एक दशक से अधिक समय तक भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की संकाय चयन समिति (फैकल्टी सिलेक्शन कमिटी) की अध्यक्षता करने और सेवा करने के दौरान वे विशेषज्ञता और ज्ञान के एक उज्ज्वल स्रोत थे। अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी, वे भविष्य के वन सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों की युवा पीढ़ी के लिए निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत बने हुए थे।
प्रदेश के लिए गौरव
वन, पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने मप्र के 1950 संवर्ग के आईएफएस जेजे दत्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि दत्ता को राज्य और देश के वन्यजीव संरक्षण और अनुसंधान में उनके असाधारण और अद्वितीय योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। ये प्रदेश के लिए गौरव थे। मंत्री रावत ने दत्ता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है और उनके परिजन को दूख सहन करने की शक्ति देने की कामना की है।