भोपाल। इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शुक्रवार को जिला परियोजना समन्वयक, डीपीसी को एक लाख की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। महिला अधिकारी ने स्कूल संचालक से जांच समाप्त के नाम पर 10 लाख की रिश्वत मांगी थी जिसमें 4 लाख में लेन देन तय हुआ था। पहली किश्त के रूप में 1 लाख रूपए लेते हुए लोकायुक्त ने उनको ट्रेप कर लिया।
लोकायुक्त से मिली जानकारी के मुताबिक दिलीप बुधानी पब्लिक स्कूल अशोक नगर एवं किड्स स्कूल अंजली नगर इंदौर के संचालक हैं इनके दोनों ही स्कूल शासन से विधिक मान्यता प्राप्त होकर संचालित हैं। वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक विधिक मान्यता के साथ इनके द्वारा छात्र /छात्राओं को 5वी एवम 8वी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था। इसके बाद भी आर टी आई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा डीपीसी जिला शिक्षा केंद्र इंदौर शीला मेरावी के कार्यालय से सूचना के अधिकार अंतर्गत उक्त दोनों ही स्कूलों के छात्र / छात्राओं की पाँचवी एवं आठवी की परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में जानकारी माँगी गई।
आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा स्कूल संचालक बुधानी को ब्लैकमेल कर धमकी दी जा रही थी िक उनके दोनों स्कूलों की मान्यता समाप्त करा देगा। इधर ,जाँच को समाप्त करने एवं आगे भी आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा कोई शिकायत न करने का लिखवाकर देने की एवज में परियोजना समन्वयक शीला मेरावी द्वारा 10 लाख रुपया रिश्वत की माँग की जा रही थी जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय के समक्ष उपस्थित होकर की गई।
आरोपिया के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत प्रकरण कायम किया गया और ट्रैप की कार्रवाई का अंजाम दिया गया।आरोपी को आवेदक से प्रथम किश्त के रूप में 1,00,000 की रिश्वत राशि लेते हुए उनके कार्यालय में ट्रैप किया गया। लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत की राशि जब्त कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है।
सतना में 1 हजार की रिश्वत लेते हुए पटवारी ट्रैप
वहीं, रीवा लोकायुक्त की टीम ने रामपुर बघेलान में एक पटवारी को लोकायुक्त टीम ने 1000 रुपए लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कृष्णगढ़ हल्के का पटवारी सुरेश साकेत पुश्तैनी जमीन का बंटवारा हो जाने के बाद ऋण पुस्तिका बनाने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। डीएसपी प्रवीण सिंह के नेतृत्व में बनी लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार को योजनाबद्ध तरीके से पटवारी को रंगे हाथ ट्रैप कर लिया। कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद पटवारी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।