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Indore-Manmad rail Project: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार, 3 सितंबर को बताया कि इंदौर-मनमाड़ के बीच 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। इस ट्रैक पर सिग्नल कवच सिस्टम से ऑपरेट होंगे।

Indore-Manmad rail Project: मुख्यमंत्री मोहन यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को इंदौर में प्रेस कान्फ्रेंस कर रेल परियोजनाओं की जानकारी दी। सीएम मोहन यादव ने बताया, इंदौर-मनमाड़ के बीच 309 किमी लंबी नई रेललाइन मंजूर की गई है। यह प्रोजेक्ट 18 हजार 36 करोड़ का है। 2029 तक इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। जो मप्र का इकोनॉमिक और धार्मिक कॉरिडोर बनेगा। 

सीएम मोहन यादव ने कहा, यह सिर्फ मध्य प्रदेश नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगा। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम के बीच सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ के बीच 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। इस ट्रैक पर सिग्नल कवच सिस्टम से ऑपरेट होंगे। साथ ही चार जगह रेलवे गोदाम बनेंगे। यह गोदाम इंदौर के पास कैलोद, धार के ग्यासपुर खेड़ी, महाराष्ट्र के न्यू धुले और माले गांव में बनाए जाएंगे। ताकि, फ्रेट कॉरिडोर की तरह इनका इस्तेमाल जा सके। 

1700 हेक्टेयर जमीन की जरूरत
इस रूट पर अभी सिंगल लाइन डाली जाएगी, लेकिन रूट पर बनने वाले सभी 35 ओवरब्रिज डबल लाइन के हिसाब से बनाए जाएंगे। ताकि, भविष्य में यदि दोहरीकरण हो तो नए सिरे से ब्रिज न बनाना पड़े। प्रोजेक्ट के लिए 1700 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें से 1420 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। 244 हेक्टेयर सरकारी जमीन है। 37 हेक्टेयर जमीन फॉरेस्ट की जाएगी। यह ट्रैक एमपी में 170.056 किमी और महाराष्ट्र में 139.376 किमी बनेगा।   

MP सरकार खर्च करेगी 1,362.80 करोड
18036 करोड़ के इस रेल प्रोजेक्ट के 13628 करोड़ मप्र और 4408 करोड़ महाराष्ट्र में खर्च होंगे। प्रदेश के हिस्से के खर्च में 10 फीसदी यानी 1,362.80 करोड राशि मप्र सरकार वहन करेगी। महाराष्ट्र सरकार का योगदान इसमें नहीं है। 

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इंदौर से मनमाड़ के बीच कुल 34 रेलवे स्टेशन

  • इंदौर से मनमाड़ के बीच कुल 34 रेलवे स्टेशन होंगे। 30 नए बनाए जाएंगे। जबकि, 4 पहले से हैं। मप्र में 17 नए स्टेशन (कुल 18) बनेंगे। इंदौर और महू स्टेशन पहले से हैं। इनके अलावा कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्त्या बड़, ग्यासपुर खेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा (महाराष्ट्र बॉर्डर) पर भी स्टेशन बनाए जाएंगे। 
  • महाराष्ट्र में 16 स्टेशन होंगे। इसमें 3 स्टेशन सांगवी, लोकी, शिरपुर, दभाक्षी, नदाना और न्यू धुले पहले से बने हैं। कस्बे ललिंग्नान, पूरमपेड़ा, झांझ, छीकाहोल, मालेगांव, यसगांव बीके, मेहुन, चोंधी, खटगांव और मनमाड़ (पहले से है)। सीएम बोले ये आदिवासियों की विकास लाइन सीएम मोहन यादव ने कहा कि ये रेल नहीं आदिवासियों के विकास की लाइन है। रेलवे नहीं होने से आजादी के कारण यहां से बड़ी संख्या में आदिवासियों का पलायन हुआ है।
  • आदिवासियों के उत्थान की दिशा में यह महत्वपूर्ण है। इससे आदिवासियों का पलायन भी रुकेगा। ये त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर को जोड़ने वाला रास्ता है। माइनिंग से मिलेट्स, नासिक का प्याज, मालवा का आलू को बड़ा मार्केट मिलेगा। लॉजिस्टिक हब भी विकसित होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ये आर्थिक के साथ धार्मिक कोरिडोर भी बनेगा।
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