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मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद प्रशासनिक फेरबदल का दौर जारी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने अब तक आठ जिलों के कलेक्ट बदले दिए हैं। MP में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी है। 

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में बदलाव के बाद प्रशासनिक अफसरों की जिम्मेदारियां भी बदली जा रही हैं। फील्ड में तैनात IAS-IPS अफसरों को मुख्यालय और मुख्यालय के अफसरों को फील्ड में तैनात किया जा रहा है। उद्देश्य विकास कार्य में तेजी लाना है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर अब तक आठ जिलों के कलेक्टर बदले जा चुके हैं। आगे भी बड़े प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी है। गुरुवार को फिलहाल नरसिंहपुर और जबलपुर कलेक्टर बदले गए हैं। जबलपुर में IAS दीपक सक्सेना और नरसिंहपुर में IAS शीतला पटेल को बतौर कलेक्टर नियुक्त किया गया है। जबलपुर कलेक्टर सुमन सौरभ मंत्रालय में उप सचिव बनाए गए हैं। जबकि नरसिंहपुर की कलेक्टर ऋजु बाफना को शाजापुर में कलेक्टर पदस्थ किया गया है।     

IAS Transfer list
उज्जैन के नवनियुक्त कलेक्ट कुमार पुरुषोत्तम, खरगौन कलेक्टर शिवराज वर्मा व अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ

उज्जैन-ग्वालियर और खरगोन कलेक्टर भी बदले 
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार अन्य जिलों के IAS-IPS अफसरों के तबादले की तैयारी भी कर रही है। पिछले सप्ताहभर में आठ कलेक्टरों और एक संभागीय कमिश्नर के साथ बड़ी संख्या में IPS अफसरों के तबादले किए जा चुके हैं। गुना हादसे के बाद वहां के कलेक्टर-एसपी और संभागीय कमिश्नर के साथ परिवहन विभाग के आयुक्त को भी हटा दिया गया था। इसके बाद शाजापुर में ड्राइवर की औकात पूछने पर वहां के कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल को भी हटा दिया गया था। इसके अलावा खरगोन, उज्जैन और ग्वालियर कलेक्टर को भी हटाया जा चुका है।     

डिंडौरी एसपी बने IPS अखिल पटेल 
राज्य सरकार ने गुरुवार को तबादला आदेश जारी कर IPS अखिल पटेल को डिंडौरी जिले का एसपी बनाया है। डिंडौरी एसपी रहे संजीव सिन्हा को गुना एसपी बना दिया गया था। गुना में बस हादसे के बाद वहां के एसपी को हटाया गया था। 

6 जनवरी से मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य
देश में लोकसभा की चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग ने इसके लिए प्रशिक्षण, मतदाता सूची अपडेशन सहित अन्य तैयारियां शुरू कर दी है। मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य 6 जनवरी से 8 फरवरी तक होना है। लिहाजा, इस दौरान चुनाव प्रक्रिया से सीधे तौर पर संबंध रखने वाले अफसरों के तबादले चुनाव आयोग की परमिशन के बिना नहीं हो पाएंगे। ऐसे सरकार एक-दो दिन में ही अफसरों के तबादले कर सकती है। जिलों में IAS-IPS और राज्य सेवा के अफसरों की पदस्थापना में लोकसभा चुनाव और मंत्रियों की राय को प्राथमिकता दिया जा रहा है।   

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