Jabalpur Medical University: मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर है। एग्जाम के साथ ही मूल्यांकन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। रिजल्ट के लिए उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को पत्र जारी कर यह जानकारी दी है।
कार्यपरिषद से मिली हरी झंडी
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान (मेडिकल) विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ पुष्पराज सिंह बघेल ने बताया कि मेडिकल एग्जाम और मूल्यांकन की केंद्रीयकृत व्यवस्था पेरीफेरल-स्कैनिंग प्रोग्राम के तहत की जाएगी। कार्यपरिषद ने भी इसे हरी झंडी दे दी है। छात्रों को इसका यह फायदा होगा।
मेडिकल स्टूडेंट को यह होगा फायदा
- मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ पुष्पराज सिंह बघेल के मुताबिक, मेडिकल एग्जाम और मूल्यांकन की केंद्रीयकृत व्यवस्था का चिकित्सा विज्ञान, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक कॉलेजों के हजारों छात्रों को फायदा होगा। पहला तो रिजल्ट के लिए उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दूसरा नया सत्र भी तय समय पर शुरू हो सकेगा।
- जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी की इस नई व्यवस्था से उससे संबद्ध एमपी के 500 कॉलेजों के कामकाज में गति आएगी। मूल्यांकन की प्रक्रिया समय पर होगी तो छात्रों का समय बचेगा। शैक्षणिक कैलेंडर भी प्रभावित नहीं होगा।
क्या है पेरीफेरल-स्कैनिंग प्रोग्राम?
पेरीफेरल-स्कैनिंग एक तरह से सेंट्रल एसेसमेंट प्रोग्राम का हिस्सा है। इसमें परीक्षा के दिन ही आंसर सीट को स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाएगा। ताकि, मेडिकल विश्वविद्यालय में उनका डिजिटल वेरिफिकेशन किया जा सके।
MP में भी ऐसे होता था मेडिकल एग्जाम
मध्य प्रदेश में मेडिकल स्टूडेंट्स को रिजल्ट के लिए अभी काफी इंतजार करना पड़ता था। एग्जाम सेंटर से उत्तर पुस्तिका विश्वविद्यालय भेजने और उनकी स्कैनिंग, कोडिंग और डिकोडिंग में 20 से 25 दिन लग जाता था। इसके बाद मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू होती थी।
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नर्सिंग छात्रों को 5 माह से रिजल्ट का इंतजार
मूल्यांकन की पुरानी प्रक्रिया में कितनी जटिल थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नर्सिंग संकाय प्रथम वर्ष 2022-23 के एक्जाम हुए 5 माह हो गए, लेकिन रिजल्ट नहीं आए। छात्र परेशान हैं।