Bhopal Low-floor Bus Service : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते 3 दिनों से अलग अलग रूटों पर लो-फ्लोर बसें नहीं चल रही हैं। बसें नहीं चलने से शहर के लोगों अन्य साधनों से ज्यादा किराया दे कर आवाजाही करनी हो रही है। लो-फ्लोर बसों की व्यवस्था ठप हो जाने से रोजाना यात्री परेशान हो रहे हैं।

मांगों को लेकर हड़ताल
लो-फ्लोर बसों के चालक और परिचालक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल के चलते इन बसों को बाग सेवनिया बस डिपो में खड़ा किया गया है। कर्मचारियों का आरोप है कि करीब एक साल से उन्हें पीएफ और ईएसआईसी का भुगतान नहीं किया गया है। तय समय पर चालकों और परिचालकों को भुगतान कर देने और फिर इसे नहीं देने की समस्या लगातार उत्पन्न होने पर हड़ताल किया जा रहा है।

35 हजार लोग इन बसों में सफर करते हैं
भोपाल शहर के सभी बाजारों और क्षेत्रों में लो-फ्लोर बसें जाती हैं। रोजाना करीब 35 हजार लोग इन बसों में सफर करते हैं। इसके लिए शहर के ज्यादातर लोग जो बस में यात्रा करते हैं, उन्होंने पास भी बनवाया है। जिससे वह सुगमता से सफर करते हुए अपने घरों, कार्यालय या स्थानों पर जाते हैं। अब बसों की व्यवस्था ठप पड़ जाने से स्थानीय लोग दूसरे साधनों से ज्यादा रुपए खर्च कर पहुंच रहे हैं।

बातचीत पूरी नहीं की गई है
बताया जा रहा है कि बस ऑपरेटर द्वारा चालकों और परिचालकों को अब तक बसों के संचालन को लेकर किसी भी तरह की बातचीत पूरी नहीं की गई है। रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों में पुरुषों के साथ महिलाएं की भी संख्या अधिक होती हैं। इसके साथ ही कोचिंग, स्कूल, कॉलेजों या अन्य संस्थाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थी हर रोज बसों से यात्रा करते हैं। तीसरे दिन भी शहर की सड़कों पर बसों का संचालन बंद रहा। बस से यात्रा करने वाले रोजाना यात्री सुबोध ने बताया कि उन्होंने बस यात्रा का पास बनवाया है, बसें नहीं चलने से उन्हें ऑटो से ज्यादा किराया दे कर आना जाना पड़ रहा है।