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मध्यप्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की थी। 1982 में माधव साइंस कॉलेज के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे हैं। 1984 में वह इसी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष भी चुने गए।

भोपाल। मध्यप्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की थी। 1982 में माधव साइंस कॉलेज के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे हैं। 1984 में वह इसी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष भी चुने गए। 1984 में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री की जिम्मेदारी मिली। 1986 में  एबीवीपी उज्जैन के विभाग प्रमुख बने। 1988 में एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनाया। डॉ मोहन यादव 1990 से 2013 तक विद्यार्थी परिषद, आरएसएस व भाजपा के विभिन्न पदों पर रहे। 2004 से 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे। इस दौरान इन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। 2013 में उज्जैन दक्षिण से पहली बार विधायक चुने गए। 2018 व 2023 में भी विधायक चुने गए। इससे पहले 2020 में जब सिंधिया की बगावत के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। 

मुख्यमंत्री का ऐसा है परिवार 
मुख्यमंत्री मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ था। उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव और मां का नाम लीलाबाई यादव हैं। सीमा यादव उनकी धर्मपत्नी हैं। मोहन यादव ने एमबीए और पीएचडी की डिग्री हासिल की है। मोहन यादव के दो बेटे और एक बेटी भी हैं। मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद मोहन यादव की पत्नी सीमा ने कहा भाजपा नेतृत्व ने उन्हें मेहनत का फल दिया है। साथ ही महाकाल की कृपा बताई। उनके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों ने भी खुशी जताई। 

महाकाल के भक्त व हिंदुत्व के समर्थक 
डॉ. मोहन यादव ने काफी संघर्ष के बाद राजनीति में यह मुकाम हासिल किया है। छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोहन यादव को उज्जैन संभाग के बड़े नेताओं में गिना जाता है। डॉ मोहन यादव बाबा महाकाल के अनन्य भक्त माने जाते हैं। उनका पूरा परिवार महाकाल का भक्त है। हिंदू हितों के लिए वे जूझते आए हैं, इसलिए उनकी छवि एक तेजतर्रार और हिंदूवादी छवि के नेता हैं। उन पर अब तक कोई केस दर्ज नहीं है। 

42 करोड़ के मालिक हैं मुख्यमंत्री 
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चुनावी हलफनामे में अपनी सम्पति का ब्योरा दाखिल किया था। शपथ-पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास कुल 42 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है। पिछले 5 साल में उनकी संपत्ति करीब 10 करोड़ बढ़ गई। वर्तमान में उनके पास 9 करोड़ की देनदारी भी है। उनके पास करीब 15 करोड़ की कृषियोग्य भूमि है। जिस पर परिवार के लोग खेती करते हैं। उज्जैन में 1 करोड़ का प्लॉट भी है। मोहन यादव की कुल आय 19,85,200 रुपए है। वहीं उनकी पत्नी सीमा यादव की कुल आय 13,07,000 रुपए है। 

ऐसा रहा कॅरियर

  • 1989-90 - एबीवीपी प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री 
  • 1991-92-  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री
  • 1993-95 - आरएसएस उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह 
  • 1996 -  संघ के खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह
  • 1997 -  भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य
  • 1998 - पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य
  • 1999 - भाजपा के उज्जैन संभाग प्रभारी
  • 2000-2003 - विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन कार्यपरिषद के सदस्य
  • 2000-2003 - भाजपा  के नगर जिला महामंत्री 
  • 2004 - भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य
  • 2004 -  सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य 
  • 2004-2010 - उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा)
  • 2008 - भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष 
  • 2011-2012 और 2012-2013 पर्यटन विकास के राष्ट्रपति सम्मान
  • 2011-2013 - मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष, बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य
  • 2013 - चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित
  • 2013-2016 -  भाजपा के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक
  • 2018 - दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित।
  • 2 जुलाई, 2020 को उच्च शिक्षा मंत्री बने
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