Film Emergency: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। जबलपुर हाईकोर्ट ने MP सरकार समेत सेंसर बोर्ड और कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। कोर्ट के नोटिस में फिल्म को लेकर जो आपत्ति जताई है उस पर तीनों पक्षों से सफाई मांगी है। बता दें कि शनिवार को सिख संगत जबलपुर और श्री गुरु सिंह सभा इंदौर ने जनहित याचिका दायर कर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी।
कल फिर होगी सुनवाई
याचिका पर सोमवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि कोविड काल के दौरान हमने देखा है कि सिख कम्युनिटी ने आगे आकर सेवा की है। गुरुद्वारों में ऑक्सीजन से लेकर खाना उपलब्ध कराया है। सिख समुदाय की सेवा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। इस मामले में मंगलवार को फिर सुनवाई होगी।
सिख समुदाय को क्रूर दिखाया गया
सोमवार को हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर दिखाया गया है। इससे सिख समुदाय की समाज में छवि गलत बनेगी। फिल्म में चार सिख हिंदुओं को गोली से भूनते दिखाए गए हैं। सिखों का रूप वीभत्स और खतरनाक बताया है, यह पूरी तरह से गलत है।याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि फिल्म को लेकर पूरे देश के सिख समाज के लोग दुखी हैं। मांग की है कि रिलीज से पहले इस फिल्म को इंदौर और जबलपुर के सिख पदाधिकारियों को दिखाई जाए।
PM मोदी और सीएम मोहन यादव को सौंपा ज्ञापन
जबलपुर में फिल्म के विरोध में सैकड़ों लोग रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए फिल्म पर रोक लगाने की मांग की। लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी पत्र लिखा है। भाजपा नेता हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने शनिवार को कंगना रनौत को लीगल नोटिस भेजा था। नसीहत दी कि थी कि वो पद की गरिमा भी बनाए रखें।