Honey trap case in MP: मध्य प्रदेश का बहुचर्चित हनी ट्रैप केस एक बार फिर सुर्खियों है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का चीफ बदलकर जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। मामला इंदौर जिला न्यायालय में विचाराधीन है। सोमवार को सुनवाई है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से वीडियो क्लिप जब्त कर कोर्ट में पेश करने को कहा गया है।
दरअसल, हनी ट्रैप में मध्य प्रदेश के सीनियर अधिकारी, उद्योगपति और कुछ राजनेताओं के नाम चर्चा में आए थे। चुनाव के वक्त पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि उन्होंने एक वीडियो क्लिप देखी थी, जिसमें शिवराज सरकार के मंत्री व विधायक भी नजर आए हैं। बीजेपी ने इसे दबाव की राजनीत बताते हुए सभी सबूत कोर्ट में पेश किए जाने की मांग की थी।
ऐसे हुआ था खुलासा
हनी ट्रैप यह मामला 17 सितंबर 2019 को पहली बार सामने आया था। जिसमें नगर निगम इंदौर के चीफ इंजीनियर रहे हरभजनसिंह को युवतियों ने अश्लील वीडियो भेजकर 3 करोड़ की डिमांड की थी। पलासिया थाना पुलिस ने पड़ताल की तो बड़ा नेटवर्क मसाने आया। पुलिस ने 6 महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो अधिकारी नेता सहित कई चर्चित चेहरे सामने आए, जो इस षडयंत्र के शिकार हुए थे। आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता जैन (पति विजय), श्वेता जैन (पति स्वप्निल), बरखा सोनी, ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। सभी की जमानत मिल गई। अभिषेक ठाकुर, रूपा भी इस मामले में आरोपी है।
कमलनाथ ने किया था सीडी और पेन ड्राइव होने का दावा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 21 मई 2021 को मीडिया से चर्चा के दौरान हनी ट्रैप की सीडी और पेन ड्राइव होने का दावा किया था। कोर्ट के आदेश पर एसआईटी ने कमलनाथ से नोटिस देकर दोनों सीडी और पेन ड्राइव की जानकारी मांगी है। हालांकि, बाद में कमलनाथ यह कहा था कि उन्होंने सिर्फ 29 सेकेंड की क्लिप देखी है।