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MP News: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। यह पत्र सारंगपुर नगरपालिका क्षेत्र में आदिवासी किसान की पट्‌टे की जमीन पर जबरन टंकी बनाने के मामले में लिखा है।

MP News: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। यह पत्र सारंगपुर नगरपालिका क्षेत्र में आदिवासी किसान की पट्‌टे की जमीन पर जबरन टंकी बनाने के मामले में लिखा है। दिग्विजय ने कहा है कि पानी की टंकी निर्माण कार्य रोक दिया जाए, और अपर कलेक्टर स्तर पर जांच कराई जाए कि पट्‌टा निरस्तगी के बगैर किस आधार पर खेती के लिए दी गई जमीन पर टंकी बनाने का काम शुरू किया गया है।

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दिग्विजय सिंह ने लिखा CM डॉ. मोहन यादव को पत्र 
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने CM डॉ. मोहन यादव को लिखे पत्र में कहा है कि राजगढ़ की सारंगपुर तहसील के तारागंज के रहने वाले राजेश प्रसाद भील और दुर्गा प्रसाद भील ने बताया कि उनके पिता स्व. हरीसिंह भील व माता गीताबाई के नाम पर संयुक्त पट्टा शासन ने 20 वर्ष पहले दिया था, यह नामांतरण अभिलेख में भी दर्ज है। एक मई 2021 को हरी सिंह और 11 जनवरी 2023 को उनकी माता की मृत्यु हो गई। करीब 10 वर्ष पूर्व सारंगपुर नगर पालिका का सीमा विस्तार हुआ। जिसमें आसपास के ग्राम नगर पालिका की सीमा में आ गए हैं। वर्तमान में पूरा तारागंज गांव सारंगपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 17 में आता है।

दिग्विजय ने आगे लिखा कि 20 वर्ष पहले दी गई कृषि भूमि पर अब नगर पालिका ने कुदृष्टि डाली है। यहां नगर पालिका द्वारा जबरन पानी की टंकी बनाया जा रहा है। नगर पालिका, तहसील एवं अनु विभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि इस पट्टे की कृषि भूमि पर कैसे पानी की टंकी बनाई जा रही है। यदि पट्टा निरस्त किया है तो इसकी भी सूचना नहीं दी गई है।

एट्रोसिटी एक्ट का केस हो दर्ज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह मामला अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत अपराध योग्य है। संबंधित एजेंसी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज होना चाहिए। दिग्विजय ने मांग कि है की आदिवासी परिवार की जमीन पर बनाई जा रही पानी की टंकी का कार्य तत्काल रोका जाए, और अन्य किसी शासकीय जमीन पर इस टंकी का निर्माण कार्य किया जाना चाहिए। इस मामले की अपर कलेक्टर स्तर से जांच कराई जाए।

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