MP Tenancy Act 2024: मध्य प्रदेश की 'मोहन सरकार' किराएदार और मकान मालिक के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। दोनों पक्षों के बीच होने वाले विवादों को खत्म करने सरकार ने नया किराएदारी एक्ट 2024 तैयार किया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नए एक्ट को 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। नए एक्ट के लागू होते ही 14 साल पुराना कानून बदल जाएगा। मकान मालिक और किराएदार संबंधित कई नियम बदल जाएंगे। एक्ट राज्य के आवासीय क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने में सहायक होगा।
नए एक्ट में किराएदारों के लिए प्रावधान
- यदि एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद किराएदार मकान नहीं छोड़ता तो पहले दो महीनों के लिए किराया दोगुना करना होगा। तीसरे महीने से किराया चार गुना बढ़ जाएगा।
- किराएदार को एक ही परिसर में अन्य किराएदार को रखने की अनुमति नहीं होगी। कोई उप-समझौता नहीं होगा।
- यदि मकान रहने के लिए किराए पर लिया गया है, तो दो महीने का एडवांस भुगतान करना होगा।
- किराएदार मकान पर अवैध तरीके से कब्जा नहीं कर सकता।
- यदि प्रॉपर्टी कारोबार के लिए किराए पर ली गई है, तो छह महीने का एडवांस भुगतान करना होगा।
मकान मालिक के लिए नए एक्ट में प्रावधान
- घर का नल कनेक्शन, पाइप कुकिंग गैस, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियां, पार्किंग, स्वच्छता सेवा और बिजली सहित अन्य आवश्यक सेवा को मालिक बंद नहीं कर सकेंगे।
- भवन के मालिक को एग्रीमेंट खत्म होने से पहले परिसर खाली करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के पास अपील करनी होगी।
- यदि एग्रीमेंट रिन्युअल किया जाना है, तो एक महीने पहले प्राधिकारी के पास एप्लीकेशन देनी पड़ेगी।
- मकान खाली करने पर मालिक, किराएदार को सुरक्षा निधि उसी दिन वापस देगा।
कानूनी दायरे में होंगे एग्रीमेंट
मकान मालिक और किराएदार के बीच एग्रीमेंट कानून के दायरे में होगा। ये अधिकार बन जाएगा। अभी ऐसे एग्रीमेंट नाममात्र के स्टांप पेपर पर होते हैं, न कि कानूनी दायरे में। जो भी एग्रीमेंट होगा, उसकी दो कॉपी होंगी। एक मकान मालिक के पास और दूसरी किराएदार के पास रहेगी। मालिक और किराएदार दोनों ही सामान्य टूट-फूट की मरम्मत के लिए जिम्मेदार होंगे। कोई भी पक्ष मरम्मत के लिए मना करता है तो दूसरा पक्ष सिक्योरिटी या किराए से रकम काट सकता है।
नए और पुराने एक्ट में क्या है अंतर?
पुराना एक्ट केवल शहरों और टाउनशिप के सभी क्षेत्रों पर लागू होता है, नया एक्ट पूरे राज्य में प्रभावी होगा। नए एक्ट में दूतावास, आयोग, मल्टीनेशनल कंपनी, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के भवनों को छूट देने का प्रवधान नहीं, पुराने एक्ट में इन्हें छूट थी। किराएदार या मकान मालिक की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारियों पर दोनों के बीच हुआ समझौता लागू होगा। पुराने एक्ट में ये केवल किराएदार पर लागू होता था। पुराने एक्ट में प्रॉपर्टी एजेंट के लिए कोई प्रावधान नहीं था। नए एक्ट में प्रॉपर्टी एजेंट को कानूनी इकाई माना जाएगा।