MP News: सोमवार सुबह बीना से गुजर रही दमोह-भोपाल राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आकर रेलवे ट्रैक की जांच कर रहे दो रेलकर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब दोनों कर्मचारी ट्रैक पर काम कर रहे थे और ट्रेन के हॉर्न की आवाज़ सुनकर भी वे काम में लगे रहे। ट्रेन की तेज़ रफ्तार को नहीं भांप पाने के कारण वे चंद सेकंड में ट्रेन की चपेट में आ गए।
झांसी ट्रैक की जांच के दौरान हादसा
बता दें, घटना सुबह 8 बजकर 49 मिनट पर हुई, जब 22162 दमोह-भोपाल राज्यरानी एक्सप्रेस कल्हार स्टेशन से थ्रू होकर किलोमीटर नंबर 947/01 के पास पहुंची। वहाँ रेलकर्मी मनोज सेन (25) निवासी टीकमगढ़ और मोहम्मद हारून (55) निवासी झांसी ट्रैक की जांच कर रहे थे। ट्रेन के ड्राइवर पीके पवैया ने इमरजेंसी ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन तब तक ट्रेन लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे निकल गई। हादसे के दौरान एक रेलकर्मी का शव इंजन में फंस गया, जिसे बाद में सिटी पुलिस और रेलवे अधिकारियों की मदद से निकाला गया।
शवों को सिविल अस्पताल भेजा गया
घटना के बाद ट्रेन को रुकवाने में काफी समय लगा, क्योंकि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद ट्रेन एक किलोमीटर आगे निकल गई थी। अधिकारियों के पहुंचने के बाद शव को इंजन से निकाला गया और ट्रेन को वापस लाकर ट्रैक पर पड़े दूसरे रेलकर्मी के शव को उठाया गया। इसके बाद ट्रेन गंजबासौदा स्टेशन के लिए रवाना की गई, जहां से शवों को सिविल अस्पताल भेजा गया और पोस्टमॉर्टम कराया गया।
ये भी पढ़ें- त्यौहारी सीजन के चलते रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, भोपाल मंडल से चलेंगी कई स्पेशल ट्रेनें, ये रहेगा शेड्यूल
कर्मचारियों ने नहीं सुनी ट्रेन की हॉर्न
हादसे के दौरान दोनों रेलकर्मी ट्रैक पर लगी चाबी की जांच कर रहे थे। हालांकि ट्रेन का हॉर्न सुनने के बाद भी वे काम में मशगूल रहे और तेज़ रफ्तार से आ रही ट्रेन की स्पीड का अंदाज़ा नहीं लगा पाए। कुछ ही पलों में ट्रेन ने दोनों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
जांच टीम करेगी हादसे की पड़ताल
इस दर्दनाक घटना की जांच के लिए तीन विभागों की संयुक्त टीम बनाई गई है, जिसमें लाइन इंस्पेक्टर, आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) और सीपीडब्ल्यूआइ शामिल होंगे। यह टीम घटना के सभी पहलुओं की गहराई से जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के उपाय किए जा सकें।