New Normalization Formula: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) ने नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पूर्व में एक से अधिक शिफ्ट में आयोजित होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं के परिणाम नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत तैयार किए जाते थे। लेकिन जेल प्रहरी परीक्षा के परिणाम में विसंगतियां सामने आने के बाद प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
नई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया सबके लिए
MPESB ने 4 अगस्त 2016 से लागू पुराने नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला निरस्त कर नई प्रक्रिया जारी की है। इसके तहत परीक्षाओं का आयोजन चाहे एक चरण में हो या एक से अधिक शिफ्ट में अथवा ऐसे पदों/पाठ्यक्रमों के लिए हो, जिनमें एक से अधिक विषय के प्रश्नपत्र होते हैं। सभी के लिए नई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू की जाएगी।
टॉपर को मिले पूर्णांक से अधिक नंबर
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित जेल प्रहरी परीक्षा में बड़ी विसंगति सामने आई थी। इसमें टॉपर अभ्यर्थी राजा भैया प्रजापति को 100 में से 101.66 नंबर मिले थे। अधिकारियों ने राजा भैया को पूर्णांक से अधिक नंबर मिलने के लिए नॉर्मलाइजेशन फार्मूले को जिम्मेदार ठहराया था। रिजल्ट पर जब सवाल उठे तो कर्मचारी चयन मंडल ने सामान्य प्रशासन विभाग से एक्सपर्ट कमेटी गठित करने की मांग की।
नॉर्मलाइजेशन का नया फार्मूला?
ईएसबी ने गुरुवार (13 फरवरी) को जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि परीक्षाओं में नॉर्मलाइज्ड एक्वी परसेंटाइल (NEP) स्केलिंग टेक्निक और निम्न सूत्रों से परीक्षा रिजल्ट तैयार किया जाएगा। सिंगल चरण और एक से अधिक चरण में होने वाली परीक्षाओं के लिए अलग-अलग फॉर्मूलाे लागू होंगे।
नई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उद्देश्य
MPESB के निदेशक साकेत मालवीय ने बताया कि नया नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला मध्य प्रदेश सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी की अनुशंसा पर लागू किया गया है। इसका उद्देश्य परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना है।
पहले जैसी नहीं होंगी विसंगतियां
नया नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू होने से पहले जैसी विसंगतियां नहीं होंगी। उम्मीदवारों को उनके वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर ही अंक मिलेंगे। साकेत मालवीय ने कहा, कोई समस्या और सुझाव आते हैं कमेटी फिर विचार करेगी। फिलहाल, नई प्रक्रिया से इसलिए अवगत कराया जा रहा है। ताकि, लोग अवेयर रहें।